पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने के बाद लॉरेंस बिश्रोई और गोल्डी बराड़ गिरोह को पंजाब के दविंदर बंबिहा गिरोह के शूटर की हत्या करनी थी। इसके लिए गोल्डी बराड़ ने शूटरों को निर्देश दे दिए थे। स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों से सूचना मिली है कि लॉरेंस बिश्रोई-गोल्डी बराड़ व दविंदर सिंह बंबिहा गिरोह में जल्द ही गैंगवार होनी थी। लॉरेंस बिश्रोई-गोल्डी बराड़ गिरोह को बंबिहा गिरोह के शूटर चस्का की हत्या करनी थी। हत्या के लिए काफी निर्देश दे दिए गए थे। चस्का की हत्या प्रियव्रत गिरोह को नहीं बल्कि दूसरे शूटरों को करनी थी। प्रियव्रत ने बताया कि गिरोह के दूसरे लोगों से पूछताछ में पता लगा था कि लॉरेंस बिश्रोई गिरोह का अगला टारगेट चस्का है। शूटर चस्का फरार है और उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद बंबिहा गिरोह ने गायक मूसेवाला की हत्या का बदला लेने का फेसबुक पर पोस्ट कर एलान किया था।
पुलिस की जांच में ये बात सामने आई है कि पंजाबी गायक की हत्या के लिए विदेशी हथियारों को इस्तेमाल किया गया है। शूटरों के कब्जे से बरामद सभी हथियार विदेशी है। ग्लाक पिस्टल व हैंडग्रेड चीन के लिए हैं। कुछ हथियार चैकोस्लोविया के हैं।
स्पेशल सेल के अधिकारी मान रहे हैं कि तस्करी करके इन विदेशी हथियारों को बाहर से भारत लाया गया है। शूटरों को हथियार सिरसा, हरियाणा में मोनू डागर ने दिए थे। पुलिस हथियारों की पूरी चेन को खंगालने में लगी हुई है। इसके लिए सिरसा से कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
बंबिहा गिरोह को लकी गौरव पटियाल चला रहा है वर्ष 2016 में पंजाब पुलिस की मुठभेड़ में दविंदर सिंह बंबिहा मारा गया था। अब इस गैंग को आर्मेनिया में बैठा गैंगस्टर लकी गौरव पटियाल चलाता है। मोगा जिले के बंबिहा गांव में जन्में दविंदर बंबिहा का असली नाम दविंदर सिंह सिद्धू था। जुर्म की दुनिया में आने से पहले वह एक लोकप्रिय कबड्डी खिलाड़ी था।
फाइल फोटोबठिंडा पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया गैंगस्टर दविंदर बंबीहा – फोटो : अमर उजाला
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाला दविंदर पढ़ाई में भी अच्छा था। साल 2010 में, जब वह कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था तब उसका नाम एक हत्या के मामले में सामने आया था। यह हत्या गांव में दो समूहों में हाथापाई के बीच हुई थी। हत्या के मामले में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जहां वह कई गैंगस्टरों के संपर्क में आया और फिर शार्प शूटर बन गया था।
उधर, गुजरात से पकड़े गए सोनीपत निवासी प्रियव्रत उर्फ फौजी, झज्जर जिले के कशिश और बठिंडा निवासी केशव कुमार के दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा लिए गए रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद पंजाब पुलिस उन्हें दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी।
चूंकि दिल्ली पुलिस को इन तीनों के कब्जे से कई हथियार और गोला बारूद भी बरामद हुआ है, जिसे लेकर पंजाब पुलिस यह भी पता लगाना चाहती है कि मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल अत्याधुनिक हथियारों के अलावा शूटरों के पास जो गोला-बारूद मिला है, उसका इस्तेमाल कहां किया जाना था?
इन तीनों शूटरों से पूछताछ में ही पंजाब पुलिस को उम्मीद है कि बाकी हमलावरों का भी पता चलेगा और कोरोला गाड़ी के अलावा बाकी जो वाहन हमले में इस्तेमाल किए गए, वे शूटरों को किसने मुहैया कराए थे।
पंजाब पुलिस की जांच टीम यह भी पता लगा रही है कि मूसेवाला के आवास की रेकी के समय शूटर अपने वाहनों पर किस-किस जगह रुके हुए थे और मूसेवाला के घर से निकलने की सूचना मिलने के तुरंत बाद कैसे एक-साथ सड़क पर पहुंच गए थे?