Chintel Highrise Demolition: नोएडा में ट्विन टावर गिराए जाने के बाद जल्द ही गुरुग्राम में चिंटेल हाईराइज को भी ध्वस्त किया जाएगा। इसको लेकर गुरुग्राम के उपायुक्त ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिल्डिंग के निर्माण को लेकर ऑडिट कराया गया था, जिसमें काफी खामियां मिली हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही टावर डी बिल्डिंग को ढहाए जाने को लेकर आदेश जारी किया जा सकता है।
गुरुग्राम: नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर्स गिराए जाने के बाद बहुत जल्द इसी तर्ज पर गुरुग्राम के चिंटेल हाईराइज टावर को भी ध्वस्त किया जाएगा। गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत यादव ने शनिवार को इसकी खामियों को लेकर जानकारी दी। चिंटेल पैराडाइज में टावर डी एक 18 मंजिला आवासीय इमारत है। जहां इस साल 10 फरवरी को छत गिर जाने से दो लोगों की मौत हो गई थी। बिल्डिंग की छठवीं मंजिल पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान फर्श धंस गई थी। जो कि गिरते हुए दूसरे और पहले फ्लोर तक आ पहुंची थी। उपायुक्त ने कहा कि आईआईटी-दिल्ली ने इसके निर्माण कार्य को लेकर ऑडिट किया। जहां रिपोर्ट में पाया गया कि चिंटेल हाईराइज का टॉवर डी रहने योग्य नहीं है। वहीं इसके निर्माण में इतनी खामियां है, जिसकी मरम्मत भी नहीं कराई जा सकती है।
गुरुग्राम के उपायुक्त यादव ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट के बाद हमने टावर डी को गिराने पर विचार किया है। यह देखते हुए कि इसकी मरम्मत “तकनीकी और आर्थिक रूप से” संभव नहीं है। टॉवर डी में मुख्य रूप से 64 (4-बीएचके) फ्लैट हैं। ऑडिट रिपोर्ट में जांच के दौरान पाया गया कि निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी में क्लोरीन की मौजूदगी थी। इसके साथ ही स्टील बार में घटिया कंक्रीट का यूज किया गया था, जो कि जंग लगने का कारण बना। निशांत यादव ने कहा कि निर्माण कार्य के दौरान सरिया की जंग को कवर करने के लिए बस पेंट के एक कोट का इस्तेमाल किया गया था।
ऑडिट रिपोर्ट में पाया गया कि फ्लैट नंबर डी-601 में किया जा रहा रेट्रोफिटिंग कार्य मानकों के अनुरूप नहीं था। इसके साथ ही फ्लैट का निर्माण कॉन्ट्रैक्ट कंपनी मनीष स्विचगियर की देखरेख के बिना किया गया। टॉवर में डी -601 वह जगह है जहां पर निर्माण कार्य में खामियों के चलते दरार आ गई था, जिसके चलते छत ढह गई थी। इस हादसे में टावर के दो निवासियों एकता भारद्वाज (31) और सुनीता श्रीवास्तव (55) की मलबे में दबकर मौत हो गई थी। यादव ने कहा कि टावर डी की खामियों को लेकर जांच कर रही अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम मीणा के नेतृत्व में सरकारी जांच समिति सोमवार को एक विस्तृत रिपोर्ट देगी। इसके बाद बिल्डिंग टावर को गिराए जाने का आदेश जारी किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि फ्लैट मालिकों के लिए मुआवजे की व्यवस्था पर भी विचार किया गया है। जिसमें न्यायिक समाधान की मांग का विकल्प शामिल है।
यादव ने कहा “डेवलपर को टॉवर डी के सभी फ्लैट मालिकों के दावों को निपटारे के लिए निर्देशित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए तीन विकल्प हैं। पहला यह कि डेवलपर और फ्लैट मालिकों के बीच एक निश्चित समय सीमा के भीतर एक आपसी समझौता हो। दूसरा यह कि प्राइवेट वैल्युएशन कराया जाए। जिसके जरिए फ्लैट्स की मौजूदा कीमत तय की जाए जो कि दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो। और तीसरा यह कि फ्लैट्स के मालिक एक समझौते के लिए कोर्ट का रुख करें”।
चिंटेल्स इंडिया के एक प्रवक्ता ने हमारे सहयोगी टीओआई को बताया, “जब से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है, हम सरकारी अधिकारियों और प्रभावित निवासियों के साथ हर संभव तरीके से सहयोग कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।” स्टील बार को अभी पेंट किए जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि भविष्य में जंग और क्षति को रोकने के लिए स्टील पर एक कंपाउंड लगाया गया था।
टावर डी के फ्लैट्स में दरार आने के बाद डेवलपर ने प्रभावित फ्लैट्स के मालिकों को नए फ्लैट की पेशकश की। जबकि अन्य को सोसाइटी के भीतर या बाहर उनके नए आवास के लिए वैकल्पिक फ्लैट या किराए की पेशकश की गई। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने भवनों के संरचनात्मक ऑडिट को लेकर नए दिशा-निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन ने चिंटेल्स पैराडिसो के बाकी दो अन्य टावरों (ई और एफ) के स्ट्रक्चरल ऑडिट का भी आदेश दिया है, जिसमें निवासियों की ओर से बालकनियों और फर्श के बारे में शिकायत की गई है। वहीं 70 आवासीय सोसायटियों में से 16 के स्ट्रक्चरल ऑडिट का आदेश दिया गया है, जहां घर खरीदारों ने “गंभीर” निर्माण समस्याओं के बारे में शिकायत की थी। माना जा रहा है कि इसको लेकर 15 नवंबर तक रिपोर्ट आ सकती है।