अधिकतर युवा ये सोचते हैं कि अगर पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें दुनिया की किसी बड़ी कंपनी में जॉब मिल जाए तो उनका करियर सिक्योर हो जाएगा. कुछ समय पहले तक ये सही भी था लेकिन जिस तरह से दुनिया की दिग्गज कंपनियों में छंटनी (Layoff) का सिलसिला शुरू हुआ है उसके बाद खुद के करियर को सिक्योर मानने वाले इन कांनीयों के कर्मचारियों की चिंता बढ़ गई है.
ऐमजॉन में भी छंटनी शुरू
माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर और फेसबुक ने एक के बाद एक अपनी कंपनियों में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का सिलसिला शुरू किया. इन तीनों कंपनियों के बाद अब दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक ऐमजॉन ने भी ये सिलसिला जारी रखने का फैसला किया है. अमेरिका के इस टेक्नोलॉजी और ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी ने बढ़ती आर्थिक मंदी के बीच अपने गैर-लाभकारी इनिशिएटिव्ज को कम करना शुरू कर दिया है.
कर्मचारी ने दी जानकारी
बिजनस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक टॉप अधिकारी ने इंटरनल मेमो में कहा है कि कंपनी ने पिछले हफ्ते ही हायरिंग बंद की है. वहीं, अब यह सामने आ रहा है कि ऐमजॉन ने बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को निकाल दिया है. ऐमजॉन में हो रही कर्मचारियों की छंटनी की खबर कंपनी में काम करने वाले एक कर्मचारी जेमी झांग डावर सार्वजनिक की गई है.
जेमी ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट में दावा किया कि कंपनी ने उन्हें निकाल दिया है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया कि केवल उन्हें ही नहीं बल्कि कंपनी ने पूरी रोबोटिक्स टीम को पिंक स्लिप दी थी. लिंक्डइन के आंकड़ों के मुताबिक, ऐमजॉन की रोबोटिक्स टीम में लगभग 3766 कर्मचारी हैं. झांग ने अपनी पोस्ट में लिखा कि हमारी पूरी रोबोटिक्स टीम चली गई है. फिलहाल इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि टीम के 3766 कर्मचारियों में से कितनों की नौकरी गई है.
कंपनी ने बंद कर दी हायरिंग
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के दावे के अनुसार कंपनी ने अपनी कुछ लाभहीन इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारियों से कहा है कि वह कहीं और नौकरी खोज लें क्योंकि कंपनी इन प्रोजेक्ट्स को बंद कर सकती है या जल्द ही सस्पेंड कर सकती है. वहीं ऐमजॉन ने हाल ही में हायरिंग फ्रीज की घोषणा भी की थी. कंपनी ने अपने एक इंटरनल मेमो में कहा था कि आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए कंपनी में हायरिंग बंद की जाएगी. कंपनी में पीपल एक्सपीरियंस एंड टेक्नोलॉजी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बेथ गैलेटी के के अनुसार, हायरिंग फ्रीज कुछ महीनों तक चलेगी.
बता दें कि इससे पहले फेसबुक की मूल कंपनी मेटा इसी हफ्ते 11,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल है. इस लेऑफ़ से पहले मेटा में करीब 87,000 कर्मचारी काम करते थे, जिनमें से कंपनी ने 13% कर्मचारियों को बाहर कर दिया है. फ़ेसबुक से पहले छंटनी का ये सिलसिला ट्विटर और माइक्रोसॉफ्ट ने शुरू किया था. ट्विटर ने पिछले हफ्ते भारत में 90 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. वहीं माइक्रोसॉफ्ट की बात करें तो कंपनी ने पिछले महीने 1,000 कर्मचारियों की छंटनी की थी.