भूखे-प्यासे काटे दो दिन मौत से लड़कर वापस लौटा रोहित, युवा ने सुनाई आपबीती,

दो दिन बिना कुछ खाए पिए माईनस सात डिग्री के टेंपरेचर में जिंदगी काटी गई है और यह लम्हा सुंदरनगर के महादेव निवासी प्रशिक्षु डाक्टर रोहित कुमार ताउम्र याद रखेंगे और यह लम्हा उन्हें हर क्षण याद रहता है। वहीं दूसरी ओर निहरी निवासी सुशील कुमार पुत्र मेहर चंद ठाकुर तीन माह बाद अपनी डाक्टरी की डिग्री पूरी करने वाले थे। शुक्रवार को मंडी जिला में यूक्रेन से दो प्रशिक्षु डाक्टर सुरक्षित पहुंच गए हैं। इस संदर्भ में जब सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत महादेव निवासी रोहित कुमार पुत्र सेना से सेवानिवृत्त कृष्ण चंद से बात की हुई तो उन्होंने बताया कि रोमानिया के बॉर्डर के ऊपर हालात बहुत ही खस्ता बने हुए हैं। यहां पर जो निकल गया। वह सुरक्षित अपने घर में पहुंच गया और जो रह गया वह भीड़ का हिस्सा बनकर ही बंकर में फंस कर रह गया। यह बात शुक्रवार को अपने घर महादेव सकुशल यूक्रेन से पहुंचे प्रशिक्षु डाक्टर रोहित कुमार ने कहीं।

यूक्रेन से नालागढ़ के आर्यन लौटे घर

नालागढ़। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध में सकुशल अपने देश लौटे विद्यार्थी अब अपने भविष्य को लेकर भी चिंतित है। नालागढ़ राजपुरा के रंगुवाल निवासी आर्यन ठाकुर शुक्रवार को वापस खैरियत से अपने घर लौट आए है। घर पहुंचते ही आर्यन ठाकुर को देख उसकी माता के खुशी से आंसू छलक गए । मां ने बेटे का तिलक लगा कर स्वागत किया।

यूक्रेन के पोसीचिन में फंसे ऊना के दो छात्र

ऊना। युद्वग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सकुशल वापसी के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया ‘आपरेशन गंगा’ भी ऊना के दो छात्रों के लिए कोई राहत नही पहुंचा पाया है। जिला ऊना के बंगाणा उपमंडल के बोट व झंबर गांव से दो छात्र यूक्रेन के पोसीचिन में फंसे है। यहां पर इनके लिए अब एक-एक पल बिताना मुश्किल हो रहा है। झंबर गांव के रविंद्र शर्मा ने बताया कि उनके बेटे पुनीत शर्मा व बोट गांव से एक अन्य छात्र सहित करीब पांच सौ भारतीय विद्यार्थी इस समय पोसीचिन में फंसे है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से दिल्ली में उन्होंने बात की,लेकिन कोई सकारात्मक जबाव नही मिल पाया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में त्वरित प्रभावी कार्रवाई करके उनके बच्चों को युद्वग्रस्त क्षेत्र से निकालना चाहिए। राघव शर्मा,उपायुक्त ऊना ने कहा कि यूक्रेन में फंसे ऊना के विद्यार्थियों की स्वदेश वापिसी के लिए विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में है। अभी तक 64 में से 42 बच्चे वापस आ गए है।

लाखों का कर्ज लेकर यूक्रेन में कर रहा था संदीप ड्राइवर की नौकरी

गाड़ी लेने के तीसरे ही दिन बिगड़ गए वहां पर हालात, पोलैंड में पहुंच कर बचाई जान

टीम-सुंदरनगर, डैहर

सुंदरनगर के तहत आने वाली डुगराई पंचायत के डिनक रडा गांव के संदीप कुमार आठ से दस लाख रुपए का कर्ज लेकर यूक्रेन में चालक की नौकरी करने गए थे। वहां पर अभी एक महीना ही नौकरी करते हुए हुआ था कि यूक्रेन और रूस में युद्ध के हालात पैदा हो गए। इस अवस्था मेंं अपने साथ सिर्फ जो बदन पर तन ढकने के लिए कपड़े ही वही ले सके हैं। बाकी सारा का सारा सामान यूक्रेन में ही छोड़कर पोलैंड पहुंच गए हैं। जहां पर वह पंजाब मूल के अपने दोस्तों के भले ही सुरक्षित हैं, लेकिन घर आने की चिंता सताने लगी है, तो ऊपर से कर्ज लेकर यहां पहुंचने के बाद बिगड़े हालातों के बाद पैसे के लिए मोहताज होकर रह गए हैं। अब पोलैंड में ही कहीं पर व्यवस्था हालात सुधरने के बाद होती है तो ठीक है। अन्यथा दो वक्त की रोजी रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो जाएगा। यह कहना संदीप कुमार के पिता मान चंद का है।