ट्रेन तो सफर करने के लिए ही होती है. लोग आरामदायक सफर के लिए AC का टिकट लेते हैं. हालांकि, स्लीपर हो या AC हर यात्री को ट्रेन एक ही समय पर उनकी मंजिल तक छोड़ती है. कई लोग सोचते हैं कि इससे ज्यादा भला ट्रेन के सफर में क्या हो सकता है? हो सकता है, अगर आप पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन का सफर कर रहे हों तो.
फिर से शुरू हुई शाही ट्रेन
1982 से लगातार चल रही ये आलीशान ट्रेन 2020 में कोविड के कारण बंद कर दी गई थी. अब दो साल बाद ये ट्रेन देश-विदेश के यात्रियों को ठाठ-बाठ से सफर कराने के लिए फिर से तैयार है. इसके सफर के दौरान लगता है जैसे ये कोई ट्रेन न हो कर राजमहल हो. ये शाही ट्रेन राजस्थान की हेरिटेज और सांस्कृतिक परम्परा को दर्शाते हुए देश-विदेश के पर्यटकों को रोमांचित करती है.
इस ट्रेन में आधुनिक साज-सज्जा और सभी पर्यटक सुख-सुविधाओं का समावेश किया गया है. इस शाही ट्रेन के माध्यम से दुनिया भर के यात्री राजस्थान की पुरानी हवेलियां, गढ़, किले और रेगिस्तान के साथ लोक कलाएं, हस्तशिल्प आदि की पहचान करते हैं. दुनिया भर में खास पहचान करवाती है. साल 1982 में पहली शाही ट्रेन सेवा शुरू की गई थी.
रेलवे द्वारा समय-समय पर रेल की गेज परिवर्तन के फलस्वरूप मीटर गेज से ब्रॉड गेज ट्रेन वर्ष 1991 में दूसरी और 1995 में तीसरी शाही रेल का निर्माण किया गया.
इतना है किराया
सात दिन के शानदार सफर में ये ट्रेन आपको दिल्ली-आगरा के साथ साथ राजस्थान के खूबसूरत शहरों जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर तथा भरतपुर की सैर करवाएगी. ये शाही ट्रेन कोविड के बाद अपने पहले कमर्शियल सफर पर रवाना हुई है. इसमें 35 देसी विदेशी यात्री सात दिवसीय पर्यटन टूर का आनंद लेंगे. ट्रेन का सितंबर 2022 से अप्रैल 2023 का किराया सुपर डीलक्स प्रति केबिन प्रति रात्रि 1560 यूएस डॉलर, सिंगल ऑक्युपेंसी प्रति यात्री प्रति रात्रि 945 यूएस डॉलर, डबल ऑक्युपेंसी प्रति यात्री प्रति रात्रि 578 यूएस डॉलर है.
इंडियन पासपोर्ट वाले यात्रियों के लिए सितंबर 2022 से अप्रैल 2023 माह का किराया सुपर डीलक्स प्रति केबिन प्रति रात्रि 1,15,440 रुपये, सिंगल ऑक्युपेंसी प्रति यात्री प्रति रात्रि 69,930 रुपये, डबल ऑक्युपेंसी प्रति यात्री प्रति यात्री किराया 42,772 रुपये है.
राजसी माहौल का पूरा एहसास कराने वाली इस ट्रेन में आपको आवभगत के साथ साथ स्वादिष्ट व्यंजन और पर्यटन निगम के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की सेवा भावना और अतिथि सत्कार का आनंद मिलेगा. बता दें कि पूरे विश्व में 10 लग्जरी ट्रेनें हैं, जिनमें 9 अभी तक कोविड के बाद से नहीं चल पाई हैं.