ब्रिगेडियर प्रदीप कुमार मेहता ने पर्वतारोही दल के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि 50 वर्ष की उम्र पार कर चुकीं इन महिलाओं का हौसला हम सभी को सीख देता है कि किसी काम को करने की इच्छा हो तो मंजिल मिल ही जाती है।
हौसला बुलंद हो तो उम्र मायने नहीं रखती है। इसकी मिसाल हैं देश की 11 महिला पर्वतारोही। जो निकलीं हैं कारगिल की टाइगर हिल को फतह करने के लिए। इस अभियान के दौरान दल 37 दर्रों को पार करेगा। सबकी उम्र 50 के पार है, पर हौसला पहाड़ जैसा। इस पर्वतारोही दल की अगुवाई कर रही हैं माउंट एवरेस्ट पर सबसे पहले चढ़ने वाली बछेंद्री पाल। इनकी खुद की आयु 68 साल है। चार महीने पहले इनका अभियान शुरू हुआ। गुरुवार को दल किन्नौर के कड़छम में पहुंचा। यह दल कारगिल की टाइगर हिल तक जाएगा। यहां दल का चार असम रेजिमेंट के जवानों ने स्वागत किया। महिलाओं को ब्रिगेडियर प्रदीप कुमार मेहता और उनकी धर्म पत्नी ने पारंपरिक किन्नौरी टोपी और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
ब्रिगेडियर प्रदीप कुमार मेहता ने पर्वतारोही दल के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि 50 वर्ष की उम्र पार कर चुकीं इन महिलाओं का हौसला हम सभी को सीख देता है कि किसी काम को करने की इच्छा हो तो मंजिल मिल ही जाती है। 12 मार्च 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मिशन में 50 वर्ष की उम्र पार कर चुकीं 11 पर्वतारोही महिलाओं का दल भारत-म्यामांर सीमा पर स्थित पांगसायु से टाइगर हिल के लिए पद्मश्री बिछेंद्री पाल के नेतृत्व में रवाना हुआ था। यह दल अरुणाचल, असम, पश्चिमी बंगाल, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल होते हुए लगभग 5,000 किलोमीटर की दूरी और 37 दर्रों को पार करते हुए पांच माह में टाइगर हिल पहुंचेगा।
शॉर्टकट नहीं, परिश्रम से मिलती है सफलता: बछेंद्री
दल का नेतृत्व कर रहीं बछेंद्री पाल ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए कठिन परिश्रम और ईमानदारी का होना जरूरी है। सफलता तभी मिलती है। उन्हें इस बात की खुशी है कि जीवन में उन्होंने दोनों मूल मंत्रों को गांठ बांधकर सफलता हासिल की। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत करें। शॉर्ट कट को कभी न अपनाएं। उनके जीवन में कई मुश्किल पल आए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आगे बढ़ती रहीं। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मिशन और महिला सशक्तीकरण के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ लोगों को समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों के बारे में भी जागरूक करना है। पर्वतारोही दल में एक महिला की आयु 76 वर्ष है। जिन्होंने कल ही विश्व का विकटतम लमखागा दर्रा पार किया है। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक अशोक रत्न, वनमंडलाधिकारी रजनोल्ड रॉयस्टन, एसडीएम कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता ने कुमारी बिछेंद्री पाल को पारंपरिक टोपी और खतक भेंट कर सम्मानित किया।
दल में ये हैं महिला पर्वतारोही
दल में 11 महिलाएं हैं। इनमें कोलकाता की चेतना साहू, छत्तीसगढ़ की सविता धपवाल, गुजरात की छाअुला जागीरदार, गुजारात की गंगोत्री सोनेगी, झारखंड की पायो मुरमू, राजस्थान की डॉ. सुषमा बिसा, उत्तर प्रदेश की मेजर कृष्णा दुबे, कर्नाटक की वासुमति श्रीनिवासन, झारखंड की अन्नपूर्णा, कर्नाटक की समारला पदमानामन शामिल हैं। स्पोर्ट टीम में उत्तराखंड के मोहन रावत और रणदीप सिंह हैं।