शनिवार को लाठी-डंडे और पेट्रोल की बोतलों से लैस करीब 50 से 60 उपद्रवी लुधियाना स्टेशन परिसर में दाखिल हुए थे और उन्होंने प्लेटफार्म के एंट्री गेट, डिसप्ले बोर्ड, बुक स्टाल, रिफ्रेशमेंट कैंटीन, सीएमआई ऑफिस, डिप्टी एसएस ऑफिस और सीएचआई के ऑफिस में तोड़फोड़ की थी।

पुलिस को व्हाट्सएप ग्रुप से इंटरनेशनल नंबर मिले हैं, जिनका सेना की भर्ती योजना से कोई लेना देना नहीं है। इसके बावजूद यह नंबर भर्ती योजना के विरोध में व्हाट्सएप ग्रुप में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे और युवाओं को उपद्रव के लिए भड़का रहे थे। इन नंबरों को गहनता से खंगाला जा रहा है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि हमले को पूरे योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है। पूर्व नियोजित तरीके से व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर युवाओं का ब्रेन वॉश किया गया और इनको एक जगह पर एकत्रित करके हमला करवाया गया। हमले से पहले युवाओं को लुधियाना में एकत्रित किया गया और फिर ग्रुप में भड़काऊ संदेश डालकर उपद्रव के लिए उकसाया गया। वह पहले भारत नगर चौक में एकत्रित हुए। फिर उपद्रव करते हुए जगरांव पुल के रास्ते रेलवे रोड पर तोड़फोड़ करने के बाद लुधियाना स्टेशन तक पहुंच गए। अग्निपथ की आड़ में माहौल बिगाड़ने की साजिश व्हाट्सएप ग्रुपों में ही बनी थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद काबू किए आरोपियों की कॉल डिटेल और हमले के विदेशी कनेक्शन की जांच शुरू कर दी है, जिसमें साजिश से जुड़ी कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। इसके बाद कई संदिग्ध नंबर पुलिस के रडार पर आ गए हैं।