जगह-जगह जले हुए वाहन, स्टेशन कंट्रोल रूम से उठता धुआं, जीआरपी पुलिस स्टेशन के बाहर बदहवास बैठे सिपाही, दीवार पर पत्थर मारे जाने के अनगिनत निशान और बमुश्किल अपनी जान बचाने वाले रेलवे कर्मचारियों के चेहरों पर साफ़ नज़र आ रहा ख़ौफ़.बिहार की राजधानी पटना के मसौढ़ी क्षेत्र का तारेगना रेलवे स्टेशन किसी युद्ध के मैदान जैसा लग रहा था.
केंद्र सरकार की सेना में अस्थायी भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ का हिंसक विरोध लगातार चौथे दिन जारी रहा. शनिवार को तारेगना रेलवे स्टेशन ‘अग्निवीरों’ की हिंसा का निशाना बना.मोदी सरकार की अग्निपथ योजना से किसका भला होगा?भारतीय सेना की अग्निपथ योजना पर क्यों उठ रहे हैं गंभीर सवाल
राजधानी पटना में विपक्षी दलों के समर्थन से बुलाए गए बिहार बंद का मिला-जुला असर दिखा. मुख्य बाज़ारों में अधिकतर दुकानें बंद नज़र आईं लेकिन सड़कों पर प्रदर्शनकारी नहीं दिखे. जो चुनिंदा लोग प्रदर्शन में जुटे उन्हें पुलिस ने तितर-बितर कर दिया और कई को शाम तक हिरासत में रखा.