लंदन. कई देश हफ्ते में 4 दिन काम के फॉर्मूले पर आगे बढ़ रहे हैं. अब ब्रिटेन भी फोर डे वर्क वीक क्लब में शामिल होने जा रहा है. ब्रिटेन में 1 जून से हफ्ते में चार दिन का काम का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है. इसे देश की 60 बड़ी कंपनियां लागू कर रही हैं. करीब छह महीने तक चलने वाले इस ट्रायल में कंपनियां अपने कर्मचारियों से हफ्ते में चार दिन या अधिकतम 32 घंटे काम लेंगी. यानी कर्मचारियों को हर हफ्ते तीन दिन की छुट्टी मिलेगी.
इसमें देश की 60 बड़ी कंपनियों के 3000 कर्मचारियों को शामिल किया गया है. इस दौरान कर्मचारियों की सैलरी में कोई बदलाव नहीं होगा. लेबर इकनॉमिस्ट जोनाथन बॉयस ने कहा कि इसमें सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि प्रॉडक्टिविटी को कैसे मापा जाएगा. कर्मचारियों को पांच दिन का काम चार दिन में करना होगा.
इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात ने सरकारी प्रतिष्ठानों के लिए जनवरी 2022 से सप्ताह में काम के दिनों को पांच से घटा कर अब साढ़े चार कर दिया गया है. शुक्रवार को आधा दिन काम यानी हाफ-डे वर्किंग रहती है. शनिवार और रविवार को पूरी तरह छुट्टी. माना जा रहा है कि जल्द ही निजी सेक्टर में भी इसी तरह के नियम लागू किए जा सकते हैं.
वर्तमान में सात प्रमुख देशों में ये नियम लागू हो चुका है:-
-कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जून 2021 में जापान सरकार ने पहल शुरू करते हुए कंपनियों को चार-दिवसीय कार्य सप्ताह शुरू करने के लिए कहा. पैनासोनिक पहली जापानी कंपनी है, जिसने इस नियम को लागू किया.
-एक बहुराष्ट्रीय उपभोक्ता सामान कंपनी यूनिलीवर न्यूजीलैंड ने अपने कर्मचारियों के लिए बिना वेतन कटौती के दिसंबर 2020 में एक साल का चार-दिवसीय कार्य सप्ताह शुरू किया.
-बेल्जियम उन देशों की सूची में शामिल होने वाला नया देश बन गया है, जो अपने कर्मचारियों को ‘फोर डे वर्क वीक’ यानी हफ्ते में चार दिन काम करने का विकल्प दे रहा है.
-पिछले साल स्पेनिश सरकार ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती किए बिना 32 घंटे के कार्य सप्ताह घोषणा की है.
-स्कॉटलैंड ने परीक्षण के आधार पर चार दिवसीय कार्य सप्ताह शुरू किया, जैसा कि सत्तारूढ़ दल द्वारा प्रचार के दौरान वादा किया गया था. वहीं कर्मचारियों के काम के घंटे 20% कम कर दिए गए लेकिन मुआवजे में कोई नुकसान नहीं हुआ
-आयरलैंड में जनवरी 2022 में चार-दिवसीय कार्य सप्ताह की शुरुआत हो गई. नए नियम के तहत कर्मचारियों के वेतन में कोई नुकसान नहीं होगा.
-आइसलैंड ने चार साल के ट्रायल के बाद चार दिवसीय कार्य सप्ताह की घोषणा की.
भारत में भी चल रही चर्चा
अन्य कई देशों की तरह सरकार भारत में कार्य सप्ताह को छोटा करने पर विचार कर रही है. श्रम कानूनों में सुधार के तहत यह कदम उठाए जा रहे हैं. अगर यह लागू होता है तो कर्मचारियों को कम से कम 48 कार्य घंटे पूरे करने होंगे. अगर चार दिन का नियम लागू होता है, तो कर्मचारी एक दिन में 12 घंटे के हिसाब से काम करके तीन दिन छुट्टी ले सकेंगे.