दिल्ली एम्स कैंपस को वर्ल्ड क्लास बनाने की तैयारी है। उधर साउथ दिल्ली में 10 किलोमीटर लंबा साइकिल कॉरिडोर बनाने की योजना को भी सोमवार को मंजूरी दी गई है। UTTIPEC की बैठक में इस योजना को हरी झंडी दी गई। इस बैठक की अध्यक्षता उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने की।
नई दिल्लीः न्यू मोती बाग को दिल्ली सचिवालय से कनेक्ट करता हुआ करीब 10 किलोमीटर लंबा साइकिल कॉरिडोर बनाने की दिल्ली नगर निगम की योजना को UTTIPEC ने सोमवार को मंजूरी दे दी है। यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर (प्लानिंग & इंजीनियरिंग) सेंटर यानी UTTIPEC की सोमवार की हुई बैठक में साइकिल कॉरिडोर के साथ-साथ दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने और ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्टक्र्चर से जुड़े दूसरे प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी दी गई। यह बैठक उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई थी। एम्स कैंपस को ‘वर्ल्ड क्लास’ मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाया जाएगा और इसे दिल्ली मेट्रो के मल्टिमॉडल इंटीग्रेशन (MMI) प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा।
सूत्रों ने मिली जानकारी के मुताबिक, साइकिल कॉरिडोर के रूट निर्माण भवन, शांति पथ, कौटिल्य मार्ग, तीन मूर्ति मार्ग, संसद मार्ग भी शामिल होगा क्योंकि इन जगहों पर कॉरिडोर बनाने के लिए कम से कम बदलावों की जरूरत होगी। आधिकारिक सूत्रों ने यह भी कहा कि इस कॉरिडोर को एक मॉडल कॉरिडोर के रूप में डेवलेप किया जाएगा ताकि ऐसे और भी कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता खुले।
उधर, द्वारका की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए द्वारका जोन के लिए कॉन्प्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान में तुरंत लागू की जाने वाली योजनाओं के साथ-साथ शॉर्ट-टर्म प्लान भी शामिल हैं। इन शॉर्ट टर्म प्लान में बेहतर इंटरसेक्शन बनाने, पैदल पथों का निर्माण, बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट, विश्वसनीय लास्ट-माइल कनेक्ट्विटी और पार्किंग की समस्याओं का समाधान शामिल है। वहीं, लॉन्ग टर्म प्लान में द्वारका मोड़ से पालम मेट्रो स्टेशन के बीच इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर डेवलपमेंट शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि सक्सेना ने अधिकारियों से कहा है कि द्वारका से आने-जाने के वैकल्पिक रास्ते खोजें और उन्हें इसकी जानकारी दें। सूत्रों ने यह भी बताया कि डीडीए यह सुनिश्चित करेगा कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का बस रूट और द्वारका मोबिलिटी प्लान सिंक में रहे। झंडेवालान, राजेंद्र प्लेस और नांगलोई मेट्रो स्टेशनों पर मल्टिमॉडल इंटीग्रेशन भी अप्रूव किया गया।
पहले से अप्रूव किए गए 59 मेट्रो स्टेशनों के एमएमआई प्रोजेक्ट में एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी और सफलतापूर्वक इसे लागू नहीं किए जाने पर उपराज्यपाल सक्सेना ने असंतोष जताया। सक्सेना ने पीडब्ल्यूडी, ट्रांसपोर्ट विभाग, एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और डीडीए के अधिकारियों को बेहतर तालमेल बनाए रखने के लिए कुछ निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों से ऐसे 5 मेट्रो स्टेशनों की पहचान करने और पायलट प्रोजेक्ट के तहत MMI प्लान लागू करने के लिए भी कहा जिनपर सबसे ज्यादा मेट्रो पैसेंजर्स की आवाजाही है।