तीन बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत भजनलाल को हरियाणा की राजनीति के ‘चाणक्य’ के रूप में जाना जाता था. ऐसा लगता है कि उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई ने शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर राजनीतिक रणनीति की अपनी विरासत का प्रदर्शन किया है. हिसार के आदमपुर से कांग्रेस विधायक ने चुनाव में माकन को वोट नहीं दिया. यह कांग्रेस आलाकमान को ‘जैसे को तैसा’ मुहावरा समझाने के लिए उनके द्वारा चुना हुआ क्षण था. इस साल 27 अप्रैल को हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उनकी अनदेखी की गई थी.
बिश्नोई का गुस्सा उबाल मार रहा था. उन्होंने पार्टी की हरियाणा ईकाई का अध्यक्ष बनाए जाने की अपनी उम्मीदों को बरकरार रखा था. इससे पहले राहुल गांधी से उन्होंने मुलाकात की थी और अपने करीबी विश्वासपात्रों को बताया था कि उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से काफी ऊंची उम्मीदें पाल रखी हैं. हालांकि, अंत में भूपेंद्र हुड्डा अपना रास्ता निकालने में कामयाब रहे और दलित नेता उदयभान को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया. यह पद कुमारी सैलजा के इस्तीफे से खाली हुआ था.
बिश्नोई और उनके पिता का हुड्डा बाप-बेटे की जोड़ी के साथ पुरानी अदावत रही है
बिश्नोई और उनके पिता का हुड्डा बाप-बेटे की जोड़ी के साथ पुरानी अदावत रही है. दोनों ने 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और हरियाणा जनहित कांग्रेस का गठन किया था. साल 2011 में, कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा के साथ गठबंधन भी किया. लेकिन यह राहुल गांधी ही थे जिन्होंने 2016 में बिश्नोई को कांग्रेस में वापस लेकर आए. उन्होंने अपनी पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस का कांग्रेस पार्टी में विलय कर दिया. हाल में हुए मनमुटाव से पहले राहुल और कुलदीप के बीच अच्छे समीकरण थे.
बिश्नोई ने 27 अप्रैल को हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नजरअंदाज किए जाने के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए ट्वीट किया था, ‘तुम्हारी तरह, मैं भी गुस्से में हूं. लेकिन जब तक मैं राहुल गांधी से नहीं मिल जाता, हमें कोई कदम नहीं उठाना है. कृपया शांत रहें.’ हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर की प्रशंसा सहित अपने अन्य कई ट्वीट के जरिए कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस से बगावत का संकेत दे रहे थे. उनके एक करीबी नेता ने CNNNews18 से बातचीत में स्वीकार किया कि वह अपने अपमान पर गुस्से से उबल रहे थे. हरियाणा की राजनीति के अंदरूनी सूत्र कुलदीप बिश्नोई की कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला से निकटता की बात करते हैं. उनके मुताबिक सुरजेवाला की निजी राय में बिश्नोई हरियाणा कांग्रेस प्रमुख बनने के लिए उपयुक्त थे.
राहुल गांधी ने भूपिंदर सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा पर जताया अधिक भरोसा
लेकिन राहुल गांधी ने अगले हरियाणा चुनाव के लिए भूपिंदर सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा पर भरोसा जताया. क्योंकि हुड्डा ने तर्क दिया था कहा कि उन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में बहुत देर से प्रभार दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस को भाजपा के हाथों नजदीकी हार का सामना करना पड़ा. क्या कांग्रेस का दांव आगामी हरियाणा चुनाव में सफल रहेगा या बीजेपी को अपने खेमे को मजबूत करने के लिए कुलदीप बिश्नोई जैसा एक मजबूत राजनीतिक खिलाड़ी मिल जाएगा? यह तो वक्त ही बताएगा. फिलहाल अजय माकन ने हरियाणा कांग्रेस में चल रही खेमेबाजी की कीमत चुकाई है. भजनलाल के बेटे ने वहीं पर चोट किया है, जहां सबसे ज्यादा दर्द होता है.