Ajay Mishra: बीच बाजार प्रभात गुप्‍ता की कनपटी पर मारी थी गोली, अजय मिश्रा टेनी पर आरोप, आज है सुनवाई

Prabhat Murder Case: प्रभात गुप्‍ता के प‍िता ने आरोप लगाया है कि पहले अजय मिश्रा ने प्रभात की कनपटी पर गोली मारी। उसके बाद दूसरे आरोपी ने सीने पर गोली मारी। मौके पर ही प्रभात की मौत हो गई।

Ajay Mishra: बीच बाजार प्रभात गुप्‍ता की कनपटी पर मारी थी गोली, अजय मिश्रा टेनी पर आरोप, आज है सुनवाई
अजय मिश्रा (फाइल फोटो)

लखीमपुर खीरी: आज इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में लखीमपुर खीरी के प्रभात गुप्ता हत्याकांड की तारीख है। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी आरोपी हैं। मई 2022 से अब तक पांच बार अंतिम सुनवाई की तारीख टल चुकी है। पिछली सुनवाई 22 अगस्त को हुई थी, इसमें अजय मिश्रा के वकील सलिल श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया था कि चीफ जस्टिस के पास केस ट्रांसफर की अर्जी डाली गई है। इसके बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अगली सुनवाई 6 सितंबर तय की थी।
प्रभात गुप्‍ता हत्याकांड 22 साल पुरानी घटना है, 8 जुलाई 2022 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कस्बे में एक 22 साल के युवा प्रभात गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक के पिता संतोष गुप्‍ता ने आरोप लगाया था कि 8 जुलाई को तिकुनिया थाना क्षेत्र के बनवीरपुर गांव में दिन में लगभग साढे तीन बजे प्रभात गुप्‍ता को दिनदहाड़े गोली मारी गई। आरोप है कि पहली गोली अजय मिश्रा ने उसकी कनपटी पर मारी, दूसरी गोली सुभाष मामा ने सीने में मारी। इसके बाद प्रभात गुप्‍ता की मौके पर ही मौत हो गई।

चार लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट
एफआईआर में अजय मिश्रा टेनी समेत 4 लोगों शशि भूषण, राकेश डालू और सुभाष मामा को नामजद किया गया था। इसके बाद प्रभात गुप्ता हत्या मामले में अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू हुई थी लेकिन बाद में कोर्ट ने इस मामले में स्टे लगा दिया। लेकिन हाई कोर्ट में जस्टिस डीके त्रिवेदी ने 5 जनवरी 2001 को टेनी को गिरफ्तारी पर मिली रोक को खारिज कर दिया।

10 मई 2001 को आया था अरेस्‍ट का आदेश
इसके बाद 10 मई 2001 को हाई कोर्ट में जस्टिस नसीमुद्दीन की बेंच ने टेनी की गिरफ्तारी का आदेश दिया। आदेश के मद्देनजर 25 जून 2001 को टेनी ने सरेंडर किया और अगले ही दिन यानी 26 जून 2001 को इस केस में उन्हें जमानत मिल गई। निचली अदालत ने 29 अप्रैल 2004 को अजय मिश्र समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। अगले 14 सालों तक लखनऊ हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई।

लगातार टल रही है सुनवाई
फिर मार्च 2018 में हाई कोट ने आदेश सुरक्षित रख लिया। इसके बाद 5 अप्रैल 2022 को जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव ने सुनवाई की और 16 मई 2022 को सुनवाई की अंतिम तारीख तय की। तब से लगातार किसी न किसी कारण से सुनवाई टलती रही है।