सैफई. समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अपनी अंतिम यात्रा पर निकल गए हैं. इस दौरान हजारों लोगों की भीड़ उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. भारी भीड़ के बीच मुलायम सिंह परिवार का हर शख्स इस अंतिम यात्रा में मौजूद रहा. अपने अभिभाव की अंतिम विदाई की बेला में हर आम और खास भावुक था. सबकी आंखें नम थीं. मुलायम सिंह की बहू डिंपल यादव और अपर्णा यादव के आंसू नहीं थम रहे थे. इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी रोते हुए देखे गए. इस दौरान उन्होंने कहा कि सैफई अब अपना नहीं लग रहा है.
बता दें कि सैफई मुलायम सिंह यादव का पैतृक गांव है. यहां से पूरे परिवार की यादें इस कदर जुड़ी हुई हैं जिसके कण कण में मुलायम सिंह यादव की उपस्थिति दिखती है. भावनाओं के समंदर में रह रह कर उठ रहे भावुकता के ज्वार को थामने के लिए मुलायम सिंह यादव के भाई राम गोपाल यादव और शिवपाल यादव भी मौजूद रहे. इस दौरान अखिलेश यादव बेहद भावुक हो गए और फफक कर रोने लगे.
मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव अपने चाचाजी के अंतिम दर्शन को पहुंचे थे. वे लगातार रोए जा रहे थे और उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. परिवार के अन्य सदस्य भी लगातार रोते रहे. बता दें कि अखिलेश और धर्मेंद्र एक साथ ही 2004 में चुनाव मैदान में उतरे थे.
मुलायम सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी, विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी, पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य समेत सपा के कई नेताओं ने भी यादव के अंतिम दर्शन कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. अपने समर्थकों के बीच हमेशा के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव बीमार होने के बावजूद कभी सियासी फलक से ओझल नहीं हुए.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में 22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव ने राज्य का सबसे प्रमुख सियासी कुनबा भी बनाया. यादव 10 बार विधायक रहे और सात बार सांसद भी चुने गए.