मुंह के कैंसर के 95 फीसदी मामलों में शराब, सिगरेट और तंबाकू कारण

महिला कैंसर की विशेषज्ञ डॉ अंजलि जैन ने बताया कि कैंसर से डरने की जरूरत नहीं है। इसे लेकर सतर्क होने की जरूरत है।  प्लास्टिक सर्जन डॉ नीरज नैथानी ने कैंसर के ऑपरेशन के बाद की जानकारी दी।

प्रतीकात्मक तस्वीर

पूर्वांचल में पुरुषों में सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर मिल रहा है। इसकी बड़ी वजह धूम्रपान, तंबाकू और शराब है। मुंह के कैंसर के 95 फीसदी मामलों में धूम्रपान, शराब और तंबाकू सबसे बड़े कारक हैं। ऐसे में इन चीजों के सेवन से लोगों को बचना होगा।

ये बातें इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीए) की जिला इकाई के संयोजक डॉ अरुण प्रताप मल्ल ने कहीं। वह मुंह के कैंसर विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन आईडीए और सिनर्जी इंस्टीट्यूट ने संयुक्त रूप से किया। बताया कि मुंह के कैंसर के कई लक्षण है। लंबे समय तक रहने वाले मुंह के छाले, सफेद या लाल रंग के दाग धब्बे, गर्दन में गांठ और वजन घटना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
इसके अलावा मुंह से खून आना, दांतों का ढीला होना लक्षणों में शामिल हैं। कैंसर सर्जन डॉ आलोक तिवारी और आंकोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ मिश्रा ने बताया कि ओरल कैंसर के मरीज सबसे पहले दंत चिकित्सकों और नाक कान गला के विशेषज्ञों के पास जाते हैं। ऐसे में डॉक्टर उन्हें कैंसर जांच की सलाह दें, जिससे की सही समय पर कैंसर की पहचान हो सके।

महिला कैंसर की विशेषज्ञ डॉ अंजलि जैन ने बताया कि कैंसर से डरने की जरूरत नहीं है। इसे लेकर सतर्क होने की जरूरत है।  प्लास्टिक सर्जन डॉ नीरज नैथानी ने कैंसर के ऑपरेशन के बाद की जानकारी दी। बताया कि ओरल कैंसर में जबड़े और चेहरे के मांस का एक बड़ा हिस्सा काटकर निकाल दिया जाता है।

इन विकृतियों को अब नई तकनीक से दूर किया जा रहा है। सेमिनार में आईडीए के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ उमेश शर्मा, सेक्रेटरी डॉ सचिन प्रकाश, जिला अध्यक्ष डॉ चेन कोवाई, सचिव डॉ अनुराग श्रीवास्तव, कैंसर सर्जन डॉ गौरव पोपली, डॉ. जेएन शुक्ला, डॉ अमित कुमार, डॉ पीके माथुर, डॉ अमित सिंह, डॉ सिद्धार्थ त्रिपाठी, डॉ संजीव श्रीवास्तव, डॉ. कोशिका टंडन, डॉ गरिमा श्रीवास्तव, डॉ मोनिका मिश्रा मौजूद रहीं।