देश में कोरोना ने एक बार फिर से पांव पसार लिए हैं। कोरोना के दो नए वैरिएंट सामने आए हैं, जो कि ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट माने जा रहे हैं। इनमें बीए.5.1.7 और बीएफ.7 शामिल हैं, जो कि देश में फैल रहे हैं। चूंकि देश में त्यौहारी सीजन है, ऐसे में इन वैरिएंट्स को काफी संक्रामक कहा जा रहा है। चीन के मंगोलिया में भी बीएफ.7 सब-वैरिएंट पाया गया था, जिसके बाद कोरोना ने घातक रूप धारण कर लिया था। यह सब-वैरिएंट्स तेजी से जड़ें जमा रहे हैं। ऐसे में देशवासियों को एहतियात बरतनी होगी, नहीं तो कोरोना फिर से घातक रूप धारण कर लेगा।
उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोविड-19 अभी भी अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) है, जो डब्ल्यूएचओ का सर्वोच्च अलर्ट स्तर है। यह घोषणा आने पर महामारी शुरू होने के बाद से साप्ताहिक मौतों की संख्या लगभग अपने न्यूनतम स्तर पर है। डब्ल्यूएचओ की अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम आापातकालीन समिति ने पिछले सप्ताह अपनी तिमाही मूल्याकंन बैठक के बाद कहा कि कोविड-19 के गंभीर मामलों में गिरावट के बावजूद और साप्ताहिक मौतों की गिरती संख्या, कोविड-19 से होने वाली मौतें फिर भी श्वसन वायरस की तुलना में अधिक हैं।
समिति ने कहा कि इनका पूर्ण प्रभाव अभी भी पूरी तरह से समझा नहीं गया है और कोविड -19 से संबंधित जटिलताओं और इसके बाद की स्थितियों के बारे में भी चेतावनी दी। समिति ने कहा कि इसका प्रकोप उत्तरी गोलार्ध में आगामी सर्दियों के मौसम में भी विकसित हो सकता है। समिति ने कहा कि भविष्य के वेरिएंट की आनुवंशिक और एंटीजेनिक विशेषताओं का अभी तक विश्वसनीय रूप से अनुमान नहीं लगाया जा सकता है और विकसित होने वाले वैरिएंट वर्तमान टीकों और चिकित्सा विज्ञान के लिए चुनौतियां हो सकते हैं।