शीतकालीन सत्र का चौथा दिन भी हंगामेदार रहा।प्रश्नकाल समाप्त होते ही सदन में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में पॉइंट ऑफ आर्डर के तहत पर्यटन विभाग की सम्पतियों को बेचने का मामला उठाया और सरकार पर संपत्तियों को निजी हाथों में बेचने के आरोप लगाए।विपक्ष ने हिमाचल ऑन सेल के नारे लगाते हुए सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 200 करोड़ रुपये एडीबी से कर्ज लेकर पर्यटन की संपतियां सरकार ने बनाई और उसके बाद अब इन संपत्तियों को सरकार कौड़ियों के दाम में निजी हाथों में बेच रही है।मंडी में 41 करोड़ की लागत से बने कन्वेंशन सेंटर, जंझहली में कल्चरल सेंटर बनाया है जिसको अब सरकार बेच रही।इससे पहले भी सरकार ने पर्यटन निगम के होटल को बेचने का प्रयास किया था जिसका विपक्ष ने विरोध किया और सम्पतियों को बेचने नही दिया गया लेकिन अब एक बार फिर से सरकार निजी कंपनियों को फायदा देने के लिए सम्पतियों को बेचने जा रही है जिसे विपक्ष नहीं होना देगा।अगर भाजपा सरकार संपत्तियां बेचती है तो 6 महीने बाद जब कांग्रेस की सरकार आएगी तो सभी संपत्तियों के सौदे को निरस्त किया जाएगा और सम्पतियों को वापिस लिया जाएगा।