Aligarh islamic mission school : अलीगढ़ इस्लामिक मिशन स्कूल पर एक अभिभावक ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को हिंदी नहीं पढ़ाई जा रही है। ऐतराज करने पर स्कूल ने उनकी बेटी को निकाल दिया है।
अलीगढ़: अलीगढ़ इस्लामिक मिशन स्कूल (Aligarh islamic mission school) में हिंदी नहीं पढ़ाने के सवाल पर बच्ची को स्कूल से निकालने का मामला सामने आया है। बच्ची के पिता आमिर का आरोप है कि स्कूल प्रशासन से इस पर सवाल किए जाने के बाद बच्ची को नर्सरी क्लास से निकाल दिया गया। इतना ही नहीं बच्ची को हिजाब (hijab in school ) पहनने को भी कहा जाता था। बच्ची के परिवार ने डीएम कार्यालय पर न्याय की गुहार लगाई। डीएम ने संबंधित अधिकारी को जांच के निर्देश दिए।
छात्रा के पिता मोहम्मद आमिर ने बताया कि मैंने अपनी बेटी का इस्लामिक मिशन स्कूल में नर्सरी में एडमिशन कराया था। एडमिशन के 6 महीने बाद हम लोग स्कूल गए थे और पूछा था हमारी बेटी को हिंदी क्यों नहीं पढ़ाई है? अभी तक होमवर्क क्यों नहीं चेक किया है? बच्ची की परफॉर्मेंस कैसी है? इस दौरान स्कूल के संचालक ने हमारे किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया। उलटे हमारे ऊपर बदसलूकी का आरोप लगाया।
आमिर ने आगे कहा, ‘हद तब पार हो गई जब इसी बात को लेकर हमारी बेटी को स्कूल से निकाल दिया गया। 6 महीने में हमारी बेटी को हिंदी नहीं पढ़ाई गई और न ही वहां राष्ट्रगान होता है। साल में सिर्फ दो बार राष्ट्रगान होता है 15 अगस्त और 26 जनवरी को।’
जब आमिर ने हिंदी न पढ़ाने पर सवाल किया तो उनका कहना है कि स्कूल की ओर से कहा गया कि आपसे पूछ कर बच्चों की पढ़ाई नहीं होगी। आमिर ने बताया कि जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत करने के बाद स्कूल से उनके ऊपर दबाव डाला जा रहा है कि बेटी के फीस के पैसे वापस ले लें और दूसरे स्कूल में एडमिशन करा लें।
मामला जिला अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह के संज्ञान में आने के बाद डीएम ने तत्काल बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। वहीं इस संबंध में स्कूल प्रशासन का कहना है कि बच्ची के पिता स्कूल आए और गलत अंदाज में बातचीत की और हंगामा किया। हिंदी न पढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा, बच्ची नर्सरी क्लास में पढ़ती है। इस उम्र के बच्चों को हिंदी पढ़ने-लिखने में दिक्कत होती है।