राजधानी दिल्ली में इन दिनों कोरोना मामलों में तेजी से उछाल दर्ज किया जा रहा है। कोविड के सामने आ रहे 98 फीसदी से ज्यादा मामले ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट XBB हैं। कोरोना का ये वेरिएंट आपके लिए कितना खतरनाक है, यहां समझिए।
90 फीसदी से ज्यादा मरीजों में XBB वेरिएंट
एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि अभी 273 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई है। इसमें से 269 मामले यानी 98.6 प्रतिशत में XBB और इसका सब वेरिएंट ही मिला है। इसमें से सबसे ज्यादा XBB.1.16 वेरिएंट मिला है। 273 में से 196 सैंपल में XBB.1.16 वेरिएंट मिला है, जो 71.79 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि बाकी में भी XBB का ही सब वेरिएंट मिला है। 45 सैंपल में XBB.2.3 मिला है जो 16.48 प्रतिशत है। इसके अलावा XBB.1.5 वेरिएंट 16 सैंपल में मिला है, जो कुल संक्रमितों का 5.86 प्रतिशत है। जबकि BA.5.3 वेरिएंट 2 सैंपल में पाया गया है। उन्होंने कहा कि हमें कोविड को बहुत हल्के में नहीं लेना चाहिए। रविवार को एक मरीज की मौत की प्राइमरी वजह कोविड मिली है, इसलिए अब सबको कोविड बिहेवियर का पालन करना चाहिए। मास्क पहनना चाहिए, भीड़ में जाने से बचना चाहिए और लक्षण दिखने पर जांच करानी चाहिए।
दिल्ली में पाए गए प्रमुख वेरिएंट और इसके सब वेरिएंट
दिल्ली में जब कोरोना की शुरुआत हुई थी तो तब सबसे पहले अल्फा वेरिएंट था। इसके बाद बीटा और फिर गामा वेरिएंट फैला। सबसे ज्यादा खतरनाक हुआ डेल्टा वेरिएंट, जिसने दिल्ली में तबाही मचा दी थी। इस बीच वायरस में कई और बदलाव हुए, लेकिन इसके बाद दिल्ली में ओमिक्रॉन वेरिएंट का फैलाव हुआ। यह वेरिएंट बाकी से काफी तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। ओमिक्रॉन में अब तक 600 से ज्यादा लाइनेज सर्कुलेशन हो चुका है, इस वजह से इसके स्पाइक प्रोटीन में एक अतिरिक्त म्यूटेशन हुआ है, जो अब XBB.1.16 वेरिएंट बन गया है।
अस्पतालों में भी बढ़ रहे हैं मरीज
आकाश हॉस्पिटल के रेस्पिरेट्री विभाग के डॉक्टर अक्षय बुद्धराजा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि अभी तक ज्यादातर लोगों में बीमारी हल्की ही है। दो से तीन दिन फीवर रह रहा है, सर्दी, जुकाम, गले में दर्द की दिक्कत हो रही है। लेकिन, पिछले दो दिनों से ऐसे मरीज भी आ रहे हैं, जिन्हें भर्ती करना पड़ रहा है। उनमें सीवियर कोविड मिल रहा है। खासकर जिन्हें डायबिटीज है या लंबे समय से किडनी की बीमारी है और वो डायलिसिस पर हैं, उनके लिए यह खतरनाक हो रहा है। एक मरीज वेंटिलेटर पर भी है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में अचानक कोविड के मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
XBB.1.16 वेरिएंट कितना खतरनाक है?
डॉक्टर नरेंद्र सैनी ने कहा कि इसमें संक्रमण फैलने की गति बहुत ज्यादा है। हालांकि, देश में 95 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास इम्युनिटी है, चाहे वह नेचुरल इंफेक्शन की वजह से हो या फिर वैक्सीनेशन की वजह से। हमारे पास बचाव है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह तेजी से फैल रहा है, यह खतरनाक संकेत है, इसलिए अब लोगों को सचेत हो जाना चाहिए। लक्षण दिखे तो जांच करानी चाहिए, संक्रमण पाए जाने पर आइसोलेट हो जाएं ताकि वो दूसरे को संक्रमण न दे सके।
प्रिकॉशन डोज पर क्या करें आम लोग?
इंफेक्शन एक्सपर्ट डॉक्टर नरेंद्र सैनी ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन साफ है। अभी केवल 60 साल से ऊपर और बीमार लोगों को ही प्रिकॉशन डोज की सलाह दी गई है। इसलिए हर किसी को यही गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। अगर किसी ने प्रिकॉशन डोज ले रखी है और डोज लिए छह महीने से ज्यादा बीत गए हैं तब भी उन्हें नई गाइडलाइन का इंतजार करना चाहिए।