पुलिस का नाम सुनते ही अक्सर लोग घबरा जाते हैं. अपराधी उनसे खौफ़ खाते हैं. लेकिन, कई ऐसे पुलिसवाले भी होतें हैं जो अपनी दरियादिली या समाजिक कार्यों से लोगों का दिल जीत लेते हैं. ऐसे ही कहानी है प्रयागराज में एक पुलिसकर्मी की, जिन्होंने बस्ती के गरीब और जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया है.
इन बच्चों के मां-बाप छोटे-मोटे काम कर अपने परिवार का पेट भरते हैं. खुले आसमान के नीचे दरोगा जी की पाठशाला में वो बच्चे आते हैं, जिनके अंदर पढ़ाई करने का जज़्बा होता है. लेकिन, उनके परिवार वाले उन्हें स्कूल नहीं भेज पा रहे.
चार साल से चल रही दरोगा की पाठशाला
इस क्लास का श्रेय आईजी ऑफिस में तैनात उपनिरीक्षक कांतिशरण को जाता है. वो पिछले चार साल से जरूरतमंद बच्चों को फ्री में पढ़ा रहे हैं. कांतिशरण नौकरी से कुछ समय निकालकर इन बच्चों को पढ़ाते हैं. एसआई कांतिशरण को इन बच्चों के लिए कुछ करने का ख्याल आया और उन्होंने बच्चों को शिक्षित करने का जिम्मा उठाया.
कोई बनना चाहता है डॉक्टर तो कोई पुलिसवाला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दरोगा की पाठशाला से इन स्लम के बच्चों को काफी प्रेरणा भी मिल रही है. उनके अंदर पढ़ने का शौक पैदा हो रहा है. उनमें से कोई बड़ा होकर डॉक्टर, कोई इंजीनियर, कोई पुलिस तो कोई टीचर बनना चाहता है.
दरोगा जी के इस सराहनीय पहल को स्थानीय लोग भी काफी सपोर्ट कर रहे हैं. वो इन बच्चों की जरूरत का सामान जैसे कॉपी, किताब, पेंसिल इत्यादि मुहैया कराने में उनकी मदद करते हैं.