अद्भुत चमत्कार! सुबह कन्या तो शाम को बूढ़ी औरत में बदल जाती है इस मां की मूर्ति

उत्तराखंड के श्रीनगर में स्थित है मां धारी का मंदिर

अद्भुत चमत्कार! सुबह कन्या तो शाम को बूढ़ी औरत में बदल जाती है इस मां की मूर्ति

भारत (India) की भूमि के हर कण-कण में भगवान बसते हैं। हर मंदिर से अलग-अलग आस्था जुड़ी हुई होती है। कहीं नंदी जी या गणेश (Lord Ganesha) जी दूध पीते हैं तो हनुमान जी और मां काली को पसीना आता है। देश के हर छोर पर हर मंदिर की अपनी ही कहानी है। हरिद्वार (Haridwar) में मां गंगा अपने पुत्र हनुमान को नहलाने खुद आती है तो रामेश्वरम में समुद्र खुद भगवान शिव (Lord Shiva) का अभिषेक करने आता है। कुछ ही तरह की आस्था का गवाह है उत्तराखंड का श्रीनगर।

श्रीनगर (Srinagar) से 14 किलोमीटर की दूर स्थित है मां धारी का मंदिर। यहां हर दिन चमत्कार होता है। मां धारी (Maa Dhari) की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है। मां की मूर्ति सुबह एक कन्या की तरह दिखती है तो दोपहर को युवती में बदल जाती है वहीं शाम होते ही एक बूढ़ी महिला के रूप में बदल जाती है। इस चमत्कार को देखकर भक्त हैरान रह जाते हैं। यह नजारा वाकई हैरान कर देने वाला होता है।

 

यह है पौराणिक कथा

एक पौराणिक कथाओं के मुताबिक, एक बार भीषण बाढ़ में ये मंदिर (Temple) बह गया था। इसके साथ ही माता की मूर्ति भी बह गई। जो आगे जाकर धारो गांव के पास एक चट्टान के पास रुक गई। कहते हैं कि उस मूर्ति से एक ईश्वरीय आवाज निकली, जिसने गांव (Village) वालों को उस जगह पर मूर्ति स्थापित करने का निर्देश दिया। इसके बाद गांव वालों ने मिलकर वहां माता का मंदिर बना दिया। पुजारियों की मानें तो मंदिर में मां धारी की प्रतिमा द्वापर युग से ही स्थापित है।

जब मंदिर तोड़ते ही आ गई थी बाढ़

ऐसा माना जाता है कि मां धारी के मंदिर को साल 2013 में तोड़ दिया गया था और उनकी मूर्ति को उनके मूल स्थान से हटा दिया गया था। इसी वजह से उस साल उत्तराखंड ( Uttarakhand) में भयानक बाढ़ आई थी, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे। माना जाता है कि धारा देवी की प्रतिमा को 16 जून, 2013 की शाम को हटाया गया था और उसके कुछ ही घंटों बाद राज्य में आपदा आई थी। इसके बाद में उसी जगह पर फिर से मंदिर का निर्माण कराया गया।