हरियाणा के रोहतक में मदीना नाम का एक गांव है. यहां रहने वाले डॉ शिवदर्शन मलिक ने एक ऐसा घर बनाया है, जहां गर्मियों में AC की जरूरत नहीं पड़ती. खास बात यह कि मलिक ने इस अनोखे घर को बनाने के लिए गोबर का प्रयोग किया है. उन्होंने किस तरह से गोबर की ईंट और वैदिक प्लास्टर बनाकर घर बनाया आइए जानते हैं.
गोबर से वैदिक घर बनाने का तरीका कहां से आया?
मलिक पढ़े-लिखे हैं. उन्होंने केमिस्ट्री से PHD कर रखी है. पढ़ाई के बाद उन्होंने बतौर प्रोफेसर नौकरी भी की. कहते हैं इसी दौरान उन्होंने गाय के गोबर से वैदिक घर बनाने का तरीका निकाला और 2000 में IIT दिल्ली के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट पर काम किया. इसके तहत उन्होंने गाय के गोबर और एग्री वेस्ट के लाभ जाने.
डॉ शिवदर्शन मलिक को आखिर कैसे मिली सफलता?
आगे डॉक्टर शिवदर्शन मलिक को जब अमेरिका जाने का मौका मिला तो उन्होंने वहां देखा कि कि भांग के पत्तों में चुना मिलाकर हैमक्रिट तैयार करना संभव है. इसी से उन्हें गाय के गोबर से प्लास्टर बनाने का ख़्याल आया और उन्होंने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया. अंतत: गाय के गोबर में ग्वारगम, जिप्सम, चिकनी मिट्टी, और नींबू पाउडर का इस्तेमाल कर वो वैदिक प्लास्टर तैयार करने में सफल रहे.
सीमेंट की जगह पर वैदिक प्लास्टर का इस्तेमाल किया
आगे उन्होंने सीमेंट की जगह पर इसी वैदिक प्लास्टर का इस्तेमाल किया और खास तरह का घर तैयार कर दिया. उनके द्वारा बनाया गया घर सीमेंट के घर की तुलना में न सिर्फ सस्ता है. बल्कि गर्मियों में अंदर से ठंडा भी रहता है. दूर-दूर से अब लोग डॉ शिवदर्शन मलिक के घर को देखने आते हैं. विदेशों तक उनके काम की चर्चा होती है.