बीजेपी की गजब रणनीति! 2024 में जिन सीटों पर हो सकती है मुश्किल, उसके लिए अभी से बना लिया प्लान

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी ने मुश्किल सीटों को चुन लिया है। पहले बीजेपी 144 सीटों पर जीत मुश्किल मानती थी अब इस लिस्ट में 16 और सीटें शामिल हो गई हैं। पार्टी ने इन सीटों पर जीतने के लिए रणनीति तैयार कर ली है।

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने 2024 में होने वाले आम चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जीत लिहाज से पार्टी के लिए मुश्किल माने जाने वाली सीटों को बढ़ा दिया है। पहले पार्टी 144 सीटों पर जीत मुश्किल मानती थी अब इसे बढ़ाकर 160 कर दिया है। इन सीटों में बिहार और महाराष्ट्र की सीटें शामिल हैं। पिछले दिनों इन दोनों राज्यों में हुए राजनीतिक बदलाव को देखते हुए बीजेपी ने यहां की कुछ सीटों को मुश्किल सीटों में शामिल किया है। सोमवार को इन सीटों पर रणनीति तैयार करने के लिए बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।

पटना में पार्टी विस्तारकों का प्रशिक्षण

बता दें कि बीजेपी बुधवार से पटना में 100 लोकसभा सीटों पर पार्टी के पूर्णकालिक विस्तारकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित कर रही है। इस प्रशिक्षण वर्ग में बीजेपी के संगठन महासचिव बीएल संतोष, महासचिव सुनील बंसल, विनोद तावड़े और शिवप्रकाश समेत बिहार के सह प्रभारी हरीश द्विवेदी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा वर्चुअली पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।

बिहार की इन सीटों पर रणनीति तैयार करेगी पार्टी
बता दें कि पार्टी के विस्तारक इन लोकसभा क्षेत्र में तैनात हैं और पार्टी के प्रचार के साथ नेटवर्क स्थापित करने का काम कर रहे हैं। 144 मुश्किल लोकसभा सीटों की अपनी पहली सूची में बीजेपी ने बिहार से चार सीटों – नवादा, वैशाली, वाल्मीकि नगर और किशनगंज को चुना है। अब जदयू के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल होने के बाद पार्टी का मानना है कि बिहार में ऐसी छह सीटें और हैं जिसमें पार्टी ने कटिहार, सुपौल, मुंगेर, झंझारपुर, गया और पूर्णिया को शामिल किया है।

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों में बिहार में बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने सभी 17 सीटों पर जीत हासिल की, वहीं एक सीट को छोड़कर जेडीयू ने सभी सीटों को जीता। इसके अलावा बिहार की अन्य 6 सीटों पर अन्य सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने जीत हासिल की, जिसका नेतृत्व तब रामविलास पासवान कर रहे थे। वहीं महाराष्ट्र में बीजेपी का मानना है कि महा विकास अघाड़ी के सामने चुनाव लड़ने के लिहाज से 10 और सीटों को मुश्किल सीटों में शामिल करना चाहिए।

मुश्किल सीटों पर केंद्रीय मंत्रियों की भी होगी तैनाती
एक ओर जहां 100 सीटों के विस्तारकों का प्रशिक्षण पटना में आयोजित हो रहा है तो वहीं बची 60 मुश्किल सीटों के विस्तारकों का प्रशिक्षण 28 दिसंबर को हैदराबाद में किया जाएगा। यह प्रशिक्षण इन लोकसभा सीटों पर पार्टी के आउटरीच और विस्तार कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत भी करेगा। पहले चरण की तरह ही चिन्हित लोकसभा सीटों पर रात भर रहने के लिए पार्टी केंद्रीय मंत्रियों को तैनात करेगी। बची हुईं 60 लोकसभा सीटों के विस्तारकों के लिए इसी तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम 28 दिसंबर से हैदराबाद में आयोजित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण इन लोकसभा सीटों पर पार्टी के आउटरीच और विस्तार कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत भी करेगा। पहले चरण की तरह ही चिन्हित सीटों पार्टी केंद्रीय मंत्रियों को भी तैनात करेगी।

पश्चिम बंगाल में 24 मुश्किल सीटें चुनी
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी मे ऐसी 24 मुश्किल लोकसभा सीटों को चुना है, जहां 2019 के चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। पार्टी के नेता ने बताया कि इन सीटों पर 6 केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही आने वाले 12 महीनों में इन लोकसभा क्षेत्रों में 24 रैलियां की जाएंगी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा इनमें से 12-12 रैलियों को संबोधित करेंगे।