कमाल! ये है दुनिया का सबसे खाली देश, यहां ढूंढे नहीं मिलते हैं लोग! आधी से ज्यादा आबादी रहती है सिर्फ एक शहर में

Mongolia: मंगोलिया की आबादी की बात करें तो मौजूदा समय में यहां 30 लाख लोग ही रह रहे हैं। ये देश पूर्व और मध्य एशिया में एक भूमि से देश है। इसकी सीमाएं उत्तर में रूस, दक्षिण, पूर्वी और पश्चिमी में चीन से मिलती हैं। हालांकि, मंगोलिया की सीमा कज़ाख़िस्तान से नहीं मिलती।

Mongolia
आबादी की बात करें तो मौजूदा समय में यहां 30 लाख लोग ही रह रहे हैं

नई दिल्ली: आज हम आपको एक ऐसे देश (Mongolia) के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया का सबसे खाली देश है। इस देश में आधे से ज्यादा आबादी सिर्फ एक शहर में रहती है। इस देश में आपको लोग ढूंढे नहीं मिलेंगे। ऐसा नहीं है कि इस देश में जमीन कम है। यहां जमीन बहुत है, लेकिन इसकी तुलना में यहां की आबादी काफी कम है। हम जिस देश की बात कर रहे हैं उसका नाम मंगोलिया (Mongolia) है। मंगोलिया की कई और बातें भी आपको हैरान कर देंगी। चलिए आपको बताते हैं इस देश के बारे में रोचक बातें।

जानिए कितनी है आबादी
मंगोलिया (Mongolia) की आबादी की बात करें तो मौजूदा समय में यहां 30 लाख लोग ही रह रहे हैं। ये देश पूर्व और मध्य एशिया में एक भूमि से देश है। इसकी सीमाएं उत्तर में रूस, दक्षिण, पूर्वी और पश्चिमी में चीन से मिलती हैं। हालांकि, मंगोलिया की सीमा कज़ाख़िस्तान से नहीं मिलती, लेकिन इसकी सबसे पश्चिमी छोर कज़ाख़िस्तान के पूर्वी सिरे से केवल 24 मील (38 किमी) दूर है। देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर उलान बाटोर है, जहां देश की लगभग आधी से ज्यादा जनसंख्या रहती है।

जमीन की कमी नहीं
इस देश में जमीन की कोई कमी नहीं है। इस देश में 1.6 मिलियन किलोमीटर जमीन पड़ी हुई है। यहां पर जनसंख्या का घनत्व भी काफी कम है। डेंगिस्तान जो एक जाने-माने योद्धा थे उन्होंने इस एम्पायर को खड़ा किया था। सन् 1206 में चंगेज खान द्वारा मंगोल साम्राज्य की स्थापना की गई। लेकिन युआन राजवंश के पतन के बाद मंगोल अपने पुराने रहन-सहन पर लौट आए। 16 वीं और 17 वीं शताब्दी में मंगोलिया तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रभाव में आया। 17 वीं सदी के अंत में मंगोलिया के अधिकांश क्षेत्र में क्विंग राजवंश के शासनाधिन हो गया था। 1911 में किंग राजवंश के पतन के दौरान मंगोलिया ने स्वतंत्रता की घोषणा की, लेकिन 1921 तक स्वतंत्रता को स्थापित करने और 1945 तक अंतरराष्ट्रीय मान्यता हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा था।

यहां रहते हैं करीब इतने भारतीय
दुनिया भर की तरह मंगोलिया में भी हिंदी फ़िल्मों की लोकप्रियता बढ़ रही है। ‘महाभारत’ धारावाहिक को मंगोलियाई भाषा में डब करके वहां टीवी पर भी प्रसारित किया जा चुका है। हालांकि वहां रहने वाले भारतीयों की संख्या बहुत ही कम है. 28 लाख की आबादी में लगभग दो सौ भारतीय हैं। इस देश की राजधानी उलनबाटोर की बात करें तो ये दुनिया की सबसे ठंडी राजधानी है। सर्दियों में वहां आइसक्रीम कागज के बॉक्स में रखकर बेची जाती है ताकि खाने लायक बनी रहे। यहां पर जनवरी के महीने में तापमान -36 से -40 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। दुनिया का सबसे छोटा शेयर बाजार उलनबाटोर में है। दुनिया में घोड़े की सबसे बड़ी प्रतिमा भी इसी शहर में है, जिस पर बैठे हुए चंगेज खान की प्रतिमा है। कुल मिलाकर प्रतिमा 131 फुट ऊंची है।