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यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट पर डिंपल यादव ने रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा के रघुराज शाक्य को 2 लाख 88 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। सबसे ज्यादा उलटफेर आजम खान का गढ़ माने जाने वाले रामपुर में हुआ है। यहां पहली बार ‘कमल’ खिला है। भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने आजम के करीबी आसिम रजा को 25,703 वोटों से हरा दिया है। उधर, खतौली विधानसभा सीट पर सपा-रालोद गठबंधन के मदन भैया की जीत हुई है।
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मैनपुरी लोकसभा के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव को 618120 वोट मिले तो वहीं भाजपा प्रत्याशी रघुराज शाक्य को 329659 वोट मिले। इस तरह से सपा ने 288461 मतों से बीजेपी को शिकस्त दी है। भाजपा ने मैनपुरी जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। सीएम योगी आदित्यनाथ समेत सरकार के कई मंत्रियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी। वहीं दूसरी तरफ मैनपुरी सीट को बचाने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किसी तरह की कोई भी गुंजाइश नहीं छोड़ी। चाचा शिवपाल यादव को साथ लाकर सपा अध्यक्ष ने सारे समीकरण ध्वस्त कर दिए।
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सपा का गढ़ माने जाने वाले ज्यादातर लोकसभा क्षेत्रों पर बीजेपी अपनी जीत का परचम लहरा चुकी है। कन्नौज, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बदायूं, इटावा, आजमगढ़ और रामपुर जैसे इलाके में बीजेपी का कब्जा है। मैनपुरी सपा की परंमपरागत सीट मानी जाती है। मुलायम सिंह से लेकर धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव तक सांसद रहे हैं। यही वजह है कि बीजेपी यह सीट जीतकर पूरे देश में नया राजनीतिक संदेश देना चाहती थी और 2024 के लिए सूबे में एक मजबूत सियासी आधार खड़ा करना चाहती थी। लेकिन भाजपा के मंसूबों में पानी फिर गया है। डिंपल यादव ने भाजपा प्रत्याशी को बड़े अंतर से हराया है।
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मैनपुरी उपचुनाव में जीत के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का समाजवादी पार्टी में विलय हो गया। गुरुवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव को सपा का झंडा दिया, जिसे बाद में शिवपाल की गाड़ी पर लगाया गया। शिवपाल ने कहा कि वह समाजवादी थे, हैं और हमेशा रहेंगे। 2024 का चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे। प्रसपा का सपा में विलय होते ही शिवपाल ने अपने ट्विटर हैंडल से राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रसपा हटाकर नेता-समाजवादी पार्टी लिख लिया। झंडा देने के दौरान अखिलेश भी बोले, चाचा समाजवादी।