मुकेश अंबानी पूरे विश्व के ब्लू हाइड्रोजन के क्षेत्र में वैश्विक लीडर बनने की रेस में सबसे आगे हैं। मीडिया सूत्रों के मुताबिक़, मुंबई में उनकी कंपनी 4 अरब डॉलर के एक संयंत्र का पुनर्निमाण करने जा रही है। अब पेट्रोलियम कोक को संश्लेषण गैस में चेंज करके 1.2-1.5 डॉलर पर किलोग्राम के रेट से ब्लू हाइड्रोजन (Blue Hydrogen) का प्रोडक्शन किया जायेगा।
भारत के सबसे रहीस व्यक्ति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की लीडरशिप में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) का मकसद अपनी हरित ऊर्जा योजना में आहे बढ़ना और ब्लू हाइड्रोजन के सबसे बड़े उत्पादकों में की लिस्ट में सबसे आगे रहना है। बताया जा रहा है की ब्लू हाइड्रोजन को जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) का इस्तेमाल करके बनाया जाता है। इसके प्रोडक्शन के दौरान बनने वाले कार्बन डाइऑक्साइड को भी उपयोग में लाया जाता है।
रिलायंस एक काम चलाऊ उपाय को जब तब इस्तेमाल करेगा, जब तक कि अक्षय ऊर्जा का उपयोग करके पानी के इलेक्ट्रोलिसिस से प्रोडूस ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) की लागत पर्याप्त नहीं हो जाती। जब ग्रीन हाइड्रोजन की कीमत कम होगी, तब इसका इस्तेमाल करके काम को आगे बढ़ाया जायेगा।
रिलायंस कंपनी (Reliance Company) ने अपने ऑफिसियल बयान में कहा, “जब तक हरित हाइड्रोजन की लागत कम नहीं हो जाती, RIL भारत में मिनिमम इन्वेस्टमेंट के साथ हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने वाला पहला हो सकता है। पहले सिनगैस से हाइड्रोजन को हरे हाइड्रोजन की मदत से प्रतिस्थापित किया जाता है और अब पूरे सिनगैस को रसायनों में चेंज कर दिया जाता है।” यह प्रक्रिया ऐसे ही चलती हैं।
अंबानी की कंपनी ने जीवाश्म ईंधन पर बहुत ध्यान दिया है। वह डीजल और गैसोलीन जैसे ईंधन की सेलिंग को क्लीनर ऑब्शन के साथ बदलने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि वह 2035 तक अपने ग्रुप के लिए कामयाबी हासिल करना चाह रहे है। इससे भारतीय बाज़ार को भी बहुत फ़ातेड़ा होगा।
यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय संयंत्रों को चुनौती देगी, जैसे कि एक सऊदी अरब में प्रस्तावित है, जो हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देने की बात कर रहा है। अंबानी (Ambani) ने इस दशक के आखिर तक हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) का उत्पादन 1 डॉलर प्रति किलोग्राम करने की हामी भरी है। बीते महीने उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए करीब 75 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना की घोषणा की है। यह पहल भारत को एक हाइड्रोजन पावर बना सकती है।
ऐसा अनुमान है की आज से 15 साल बाद हमारे जीवन में ग्रीन हाइड्रोजन का बहुत महत्व होगा। भारत सहित विश्व के सभी देश इस पर काम करना शुरू कर चुके हैं। ग्रीन हाइड्रोजन एक रासायनिक पदार्थ है, जो ऊर्जा के स्रोत से लेकर सभी अन्य तरीकों से इस्तेमाल होता है।