China On US B 52 Bombers In Australia: ऑस्ट्रेलिया में B-52 परमाणु बॉम्बर तैनात करने की योजना से चीन और अमेरिका के बीच तनाव और भड़क गया है। चीन ने कहा है कि अमेरिका हथियारों की रेस को भड़का रहा है। वहीं चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने ऑस्ट्रेलिया पर मिसाइल हमले की धमकी तक दे डाली है।
बीजिंग: ऑस्ट्रेलिया में परमाणु हथियारों से लैस अमेरिकी बमवर्षक विमान बी-52 की तैनाती की खबर से चीनी ड्रैगन आगबबूला हो गया है। चीन ने कहा है कि अमेरिका ऑस्ट्रेलिया के डार्विन में बी-52 बॉम्बर की तैनाती से हथियारों की नई रेस को भड़का रहा है। चीन ने यह भी चेतावनी दी कि अमेरिकी कदम से क्षेत्र में तनाव के भड़कने का खतरा पैदा हो गया है। इससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बड़ा झटका लगेगा। उधर, अमेरिकी बॉम्बर की तैनाती पर चीन का सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स भी लाल हो गया है और उसने मिसाइल ‘हमले’ की धमकी दी है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने कहा कि सभी देशों को रक्षा और सुरक्षा सहयोग की जरूरत है ताकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान दिया जा सके। साथ ही किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाया जाया या उसके हितों को कमजोर किया जाए। चीन सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध करता है कि वे कोल्ड वॉर के दौर की संकीर्ण मानसिकता को त्याग दें। साथ ही ऐसी चीजें करें जो सभी पक्षों के लिए क्षेत्रीय शांति और स्थिरता तथा आपसी विश्वास के लिए अच्छा हो।
‘बी-52 बॉम्बर ऑस्ट्रेलिया की रक्षा नहीं कर सकते हैं’
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की मीडिया ने खुलासा किया था कि अमेरिका ऑस्ट्रेलिया में अपने 6 परमाणु बॉम्बर तैनात करने जा रहा है। इन बॉम्बर को ऑस्ट्रेलिया के टिंडाल एयरबेस पर तैनात किया जाएगा जो उत्तरी इलाके में स्थित है। अमेरिका की कोशिश है कि इन महाविनाशक बॉम्बर की तैनाती के जरिए ताइवान पर चीन के हमला करने की मंशा को रोका जा सके। चीन के विदेश मंत्रालय ने जहां कूटनीतिक भाषा अपनी कड़ी नाराजगी जताई है, वहीं चीन की सरकारी मीडिया और सैन्य विशेषज्ञों ने सीधे तौर पर ऑस्ट्रेलिया को मिसाइल हमले की धमकी तक दे डाली है।
चीन के सैन्य विशेषज्ञ झांग शुएफेंग ने कहा, ‘बी-52 बॉम्बर ऑस्ट्रेलिया की रक्षा नहीं कर सकते हैं, लेकिन ये आग को जरूर भड़का देंगे।’ ग्लोबल टाइम्स के पूर्व संपादक हू शिजिन ने तो यहां कह दिया कि चीनी सेना की डोंगफेंग मिसाइलें अमेरिकी बी-52 बॉम्बर से ज्यादा तेजी से उड़ सकती हैं। अगर ऑस्ट्रेलिया चाहता है कि वह ‘बड़ा गुआम’ (जापान-ताइवान के पास स्थित अमेरिकी नौसैनिक अड्डा) बने तो उसे इससे जुड़े रणनीतिक खतरों को भी सहना होगा।