Taiwan China War US Porcupine Strategy: अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद चीन और ताइवान में जंग जैसे हालात हैं। चीनी सेना लगातार ताइवान के हवाई और जलक्षेत्र में घुसपैठ कर रही है। चीन के ड्रोन ताइवान के नाक में दम कर रहे हैं। ऐसे में अब अमेरिका ने ताइवान की ‘शाही’ जानवर की रणनीति को मजबूत करने में जुटा है।
ताइपे: चीन के भीषण हमले के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब अमेरिका शाही जानवर की रणनीति पर काम करते हुए ताइवान को बारूद का ढेर बनाने में जुट गया है। अमेरिका की योजना है कि ताइवान के पास इतने बड़े पैमाने पर गोला बारूद और हथियार हो कि वह बिना अमेरिकी मदद के भी लंबे समय तक चीन के हमले का सामना कर सके। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि हम ताइवान को शाही जानवर की तरह से बनाना चाहते हैं ताकि चीन समुद्र और हवा में चौतरफा घेरेबंदी करके अगर हमला करे तो उसे कदम-कदम पर गंभीर घाव का सामना करना पड़े।
अमेरिकी अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि चीन के हाल ही में हुए नौसैनिक और हवाई अभ्यास को देखते हुए वे ताइवान के पास हथियारों का विशाल भंडार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीनी सेना के अभ्यास से यह पता चलता है कि वे ताइवान पर हमला करने से पहले उसको चारों ओर से घेरेबंदी करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। ऐसे में ताइवान को तब तक चीन से जंग लड़नी होगी जब तक कि अमेरिका या उसके सहयोगी देशों की सेना हस्तक्षेप न कर दे।
‘अभी यूक्रेन को हथियारों की सप्लाइ को प्राथमिकता’
विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिका की ताइवान को हथियारों का ढेर बनाने की रणनीति में कई चुनौतियां भी हैं। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने अभी यूक्रेन को हथियारों की सप्लाइ को प्राथमिकता में रखा हुआ है। इससे पश्चिमी देशों के हथियारों का जखीरा खाली हो गया है। हथियारों को बनाने वाली कंपनियां विशाल और लंबे समय तक ऑर्डर मिले बिना नई प्रोडक्शन लाइन बनाने से बच रही हैं। अभी यह भी पता नहीं है कि अगर अमेरिका ताइवान को हथियारों की आपूर्ति बढ़ाता है तो चीन उसका किस तरह से जवाब देगा।
अमेरिकी अधिकारी अब यह निर्धारित करने की कोशिश कर रहे हैं कि किस तरह के और कितने हथियार ताइवान को चोरी छिपे बेचे जाएं। अमेरिका छोटे और आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाए जाने वाले हथियारों के पक्ष में है। बाइडन प्रशासन ने 2 सितंबर को ऐलान किया कि उसने 1.1 अरब डॉलर के हथियारों के छठवें पैकेज को मंजूरी दे दी है। इसमें तटीय इलाके में लगाए जाने वाली 60 हारपून एंटी शिप मिसाइल भी शामिल है। अमेरिका यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि ताइवान को हथियार तय समय पर मिल जाएं।