सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को एएमयू देना चाहता है मानद उपाधि, लेकिन कहां फंसी है बात – प्रेस रिव्यू

क्राउन प्रिंस

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को उनकी सेवाओं और वैश्विक योगदान के लिए डी.लिट. की उपाधि देने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, विश्वविद्यालय की ओर से बीते साल सितंबर महीने में विदेश मंत्रालय को इस संबंध में पहली बार प्रस्ताव भेजा गया था.

इसके बाद विदेश मंत्रालय ने विश्वविद्यालय से उन विदेशी नामों की लिस्ट मांगी थी, जिन्हें यूनिवर्सिटी ने अभी तक मानद उपाधि दी है.

यूनिवर्सिटी की ओर से अक्टूबर 2021 में ही उन नामों की सूची मंत्रालय को सौंप दी गई थी. इसके बाद एएमयू ने जनवरी महीने में भी अपने प्रस्ताव को लेकर एक बार फिर अनुमति की मांग दोहराई थी.

अधिकारियों के मुताबिक़, मोहम्मद बिन सलमान को मानद उपाधि दिए जाने का प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन है.

केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में एएमयू की ओर से कहा गया है, “सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को उनकी सेवाओं के लिए मानद डी.लिट. उपाधि देने का प्रस्ताव रखते हैं.”

प्रस्ताव में भारत और सऊदी अरब के रिश्तों पर ज़ोर देते हुए कहा गया है, “भारत के साथ सऊदी अरब के रिश्ते पहले से ही दोस्ताना हैं और यह मानद उपाधि उस रिश्ते को और मज़बूती प्रदान करेगी.”

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ज़ुबैर

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मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ एक और मामला कोर्ट पहुंचा

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ऑल्ट-न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को सुप्रीम कोर्ट से भले ही अंतरिम ज़मानत मिल गई हो लेकिन फिलहाल उन्हें राहत मिलती नहीं दिख रही है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम ज़मानत मंज़ूर होने के एक दिन बाद ही उत्तर प्रदेश की लखीमपुर खीरी पुलिस ने एक साल पुराने एक मामले में दर्ज एफ़आईआर के तहत सीतापुर कोर्ट में उनकी कस्टडी की मांग की है.

ज़ुबैर फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. दरअसल, सीतापुर जेल प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की प्रति अभी आधिकारिक रूप से प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए वह जेल में ही हैं.

उम्मीद जताई जा रही है कि लखीमपुर खीरी पुलिस की अपील पर कोर्ट सोमवार को विचार करेगा. जिस एफ़आईआर के आधार पर लखीमपुर खीरी पुलिस ज़ुबैर की कस्टडी की मांग कर रही है, वह एक साल पुराना मामला है. ज़ुबैर के ख़िलाफ़ मोहम्मदी पुलिस थाने में दर्ज इस एफ़आईआर में उन पर धार्मिक आधार पर दुश्मनी भड़काने (आईपीसी की धारा 153ए) का आरोप है.

लखीमपुर खीरी के एसपी संजीव सुमन ने बताया कि यह एफ़आईआर ज़ुबैर और ट्विटर इंडिया के ख़िलाफ़ दर्ज करवाई गई थी. राजेश कटियार नाम के एक पत्रकार ने 18 सितंबर 2021 को शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस अधिकारी का कहना है कि ज़ुबैर फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और सोमवार को अदालत जो भी आदेश देगी, उसकी पालन किया जाएगा.

इंडियन एक्सप्रेस अख़बार के मुताबिक़, सीतापुर की एक अदालत ने ऑल्ट-न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ समन जारी किया है. उन्हें 11 जुलाई को तलब किया गया है. मोहम्मद ज़ुबैर को दुश्मनी भड़काने के आरोप में पिछले साल दर्ज हुए एक मामले के तहत समन जारी किया गया है.

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पोलिखा

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यूक्रेन ने भारत में अपने राजदूत को बर्खास्त किया

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है. द हिंदू ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से यह ख़बर दी है.

पोलिखा की पहचान यूरोप के सबसे वरिष्ठतम राजदूतों में से है जिनके पास भारत और दूसरे यूरोपीय देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों का व्यापक अनुभव है.

पोलिखा ने बताया कि उन्हें इस आदेश से कोई अचरज नहीं हुआ और ना ही वो निराश हैं क्योंकि उनके असमान्य रूप से बहुत लंबे कार्यकाल को देखते हुए ऐसा होने उम्मीद थी.

‘द हिंदू’ से अपने कार्यकाल के ख़त्म होने की ख़बर की पुष्टि करते हुए पोलिखा ने कहा कि किसी देश में अपने देश का राजदूत बनकर सात साल तक सेवा देने के बाद वापस लौटना बहुत ही सामान्य बात है.

पोलिखा की भारत में नियुक्ति साल 2014 में की गई थी. यानी, साल 2014 में क्रीमिया अभियान शुरू होने के तुरंत बाद. इस साल जब फरवरी महीने में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया तब पोलिखा ने एक बेहद भावुक अपील की थी. उनकी टिप्पणी ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. उन्होंने कहा था कि इस युद्ध में हम भारत की स्थिति से बेहद असंतुष्ट हैं. उन्होंने अपनी टिप्पणी में भारत से यूक्रेन के पक्ष में मज़बूती से पक्ष रखने का अनुरोध किया था.

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अडानी

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दाणी ग्रुप अब टेलीकॉम सेक्टर में भी करेगा निवेश

एशिया के सबसे अमीर लोगों में से एक कारोबारी गौतम अदाणी अब टेलीकॉम सेक्टर में निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के अनुसार, शनिवार को अदाणी ग्रुप की ओर से इस बात की पुष्टि कर दी गई कि वे 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में हिस्सा लेंगे.

शनिवार को ग्रुप ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि एयरपोर्ट, पोर्ट, बिजली-उत्पादन और ट्रांसमिशन आदि क्षेत्रों में अधिक से अधिक सुरक्षा और प्राइवेट नेटवर्क सॉल्यूशन मुहैया कराने के लिए वह नीलामी का हिस्सा बन रहा है.

हालांकि ग्रुप की ओर से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि कंज़्यूमर मोबिलिटी स्पेस के क्षेत्र में आने का उसका कोई इरादा नहीं है.

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वाईएस जगन मोहन रेड्डी

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वाईएस जगन मोहन रेड्डी आजीवन रहेंगे पार्टी के अध्यक्ष

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी शनिवार को एक बार फिर वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं.

डेक्कन क्रॉनिकल की ख़बर के अनुसार, इसके साथ ही पार्टी ने अपने नियमों में संशोधन करते हुए रेड्डी को आजीवन अध्यक्ष चुन लिया है.

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए वाईएस जगन मोहन रेड्डी की ओर से नामांकन के 22 सेट दाखिल किए गए थे और कोई दूसरा नामांकन नहीं होने के कारण उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुन लिया गया.