Mokama UPChunav and Anant singh: मोकामा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। इस सीट से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को महागठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर उतारा जा रहा है। अनंत सिंह मोकामा विधानसभा सीट से लगातार पांच बार (फरवरी 2005, अक्टूबर2005, 2010, 2015 और 2020) चुनाव जीते। हालांकि सजायाफ्ता होने के चलते उनकी विधायकी चली गई है।
हाइलाइट्स
- 2005 से अनंत सिंह लगातार मोकामा विधानसभा सीट से विधायक बनते रहे
- अनंत सिंह को अपराध की दुनिया का बादशाह कहा जाता है
- सजायाफ्ता होने के चलते अनंत सिंह चुनाव के लिए अयोग्य हो गए हैं
- मोकामा जनपद में अनंत सिंह के शौक के अजब-गजब किस्से हैं
पटना(मोकामा) : 9 साल की उम्र में हत्या के आरोप में जेल और 44 की उम्र में बिहार विधान सभा की चौखट पर दस्तक। वह भी लगातार वोटों के बढ़ते पैमाने के साथ। जी हां, यह उस बालक अनंत सिंह की कहानी है जो अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह तो था ही राजनीत में भी अजातशत्रु साबित हुआ। एक अजीब सच अनंत सिंह के साथ रहा कि पार्टी उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं रहे। वह जेडीयू से भी लड़े और आरजेडी से भी। यहां तक की निर्दलीय भी लड़े पर जनता इनके साथ रही।
अपराध की दुनिया
अनंत सिंह की अपराध की कहानी 9वें वर्ष में शुरू हुई जब वे हत्या के आरोप में जेल गए। 15वें वर्ष में जमीन विवाद के मामले में दूसरी बार जेल गए। फिर तो अपराध की दुनिया में वह स्वागत हुआ कि आज उन पर अपहरण, हत्या, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक सामग्री रखने आदि मामलों में कुल 39 मामले दर्ज हैं।
शौक की दुनिया का राजा
मोकामा जनपद में अनंत सिंह के शौक के अजब-गजब किस्से हैं। कहते हैं उन्हें पशुओं से बहुत प्रेम है। वह हाथी, घोड़ा भी पालते रहे हैं। बग्घी का भी शौक रखते हैं। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि कुछ दिनों तक अजगर भी पल कर रखे थे। पटना की सड़कों पर अक्सर उनकी बग्घी सरपट दौड़ती नजर आती। उन्हें कीमती विदेशी गाड़ियों का भी शौक रहा। गाड़ियों में उनका पसंदीदा मर्सिडीज की कारें हैं। सोने के आभूषण का भी बहुत शौक रखते हैं। कभी कभी तो पशुओं को भी सोने की चैन पहना दिया करते हैं।
राजनीति में प्रवेश और नीतीश को सिक्कों से तौलने का प्रसंग
यह कहानी है, 2004 लोकसभा चुनाव के समय का। यह वही समय था जब सुरजभान सिंह का बाहुबल सिर चढ़ कर बोल रहा था। साल था 2004 का। एक राजनीत के तहत साल 2004 में एलजेपी और आरजेडी के नेताओं ने एक साथ चुनाव लड़ने का मन बनाया और सुरजभान सिंह को बलिया लोकसभा से चुनाव लड़ाने का फैसला भी कर लिया। राजनीतिक गलियारों में इस नए गठबंधन से सुरजभान के जुड़ते ही कहा जाने लगा कि नीतीश कुमार के लिए बाढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतना आसान नहीं रह गया। इस खास समय में नीतीश जी के चुनाव प्रबंधन से जुड़े राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह सिंह की नजर अनंत सिंह पर पड़ी।