Anil Ambani news: अनिल अंबानी की कंपनी में डूबने वाला है LIC का पैसा! 3,400 करोड़ रुपये का है मामला

कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी से एलआईसी (LIC) को तगड़ा झटका लग सकता है। एलआईसी का 3,400 करोड़ रुपये का कर्ज है। लेकिन इसमें से उसे केवल 782 करोड़ रुपये ही मिल सकते हैं। इसके लिए बोली लगाने की समयसीमा शुक्रवार को खत्म हो गई है।

Anil Ambani and LIC
नई दिल्ली: भारी कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी में एलआईसी (LIC) की मोटी रकम डूब सकती है। रिलायंस कैपिटल (RCap) पर एलआईसी का 3,400 करोड़ रुपये का कर्ज है। लेकिन इसमें से उसे केवल 782 करोड़ रुपये ही मिल सकते हैं। बाकी रकम डूब सकती है। बिजनस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक एलआईसी ने आरकैप में अपना कर्ज बेचने के लिए स्विस चैलेंज (Swiss Challenge) का सहारा लिया था। लेकिन इसे किसी ने भाव नहीं दिया जिससे स्ट्रेस्ड एसेट फर्म ACRE SSG का इस लोन को खरीदने का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन इसके लिए एलआईसी को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ACRE SSG ने 73 फीसदी डिस्काउंट के साथ एलआईसी के कर्ज को खरीदने की पेशकश की है।

स्विस चैलेंज बिडिंग का एक तरीका है। इसमें कोई पार्टी किसी एसेट के लिए बोली लगाती है। इसकी डिटेल पब्लिक की जाती है और दूसरे लोगों से बोली मांगी जाती है। अगर कोई पार्टी बड़ी बोली लगाती है तो ओरिजनल कॉन्ट्रैक्टर को उतनी बोली लगाने का मौका दिया जाता है। लेकिन रिलांयस कैप के मामले में किसी ने भी बोली लगाई। आज यानी सोमवार को रिलायंस कैप की पूरी एसेट्स के लिए फाइनल बिंडिंग की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक एलआईसी के लोन को बेचने के लिए प्रोसेस एडवाइजर IDBI Trusteeship को कोई बोली नहीं मिली है। इसके लिए बोली लगाने की समयसीमा शुक्रवार को खत्म हो गई है।

उठ सकते हैं सवाल
ACRE SSG के ऑफर के आधार पर रिलायंस कैपिटल की वैल्यू करीब 4,400 करोड़ रुपये है। एलआईसी और ACRE SSG, दोनों रिलांयस कैपिटल की कमेटी ऑफ केडिटर्स की सदस्य हैं। ACRE का कंपनी पर 1350 करोड़ रुपये का कर्ज है। Duff & Phelps ने रिलायंस कैप का इंडिपेंडेंट वैल्यूएशन किया है। लेकिन आईबीसी कानून के मुताबिक बाइंडिंग बिड के एक दिन बाद ही सीओसी को इसकी रिपोर्ट मिलेगी। एक बैंकर ने कहा कि अगर इंडिपेंडेंट वैल्यूअर का वैल्यूएशन ACRE-LIC के ट्रांजैक्शन से ज्यादा रहता है तो फिर एलआईसी की डेट सेल के कम वैल्यूएशन पर सवाल उठ सकते हैं।

रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं। इनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है। आरबीआई ने भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था और इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग (insolvancy proceeding) शुरू की थी। सेंट्रल बैंक ने नागेश्वर राव को कंपनी का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया था। राव ने बोलीकर्ताओं को पूरी कंपनी या अलग-अलग कंपनियों के लिए बोली लगाने का विकल्प दिया था। रिलायंस कैपिटल के लिए बोली लगाने के लिए 29 अगस्त तक का समय दिया गया था।