नई दिल्ली: ऐसा माना जाता है कि भारी-भरकम बजट वाली फिल्में ही दर्शकों को पसंद आती हैं लेकिन 33 साल पहले रिलीज हुई फिल्म ‘परिंदा’ इस गलतफहमी को दूर करती है. आर डी बर्मन के संगीत से सजी इस फिल्म की कहानी, एडिटिंग और एक्टर्स की परफॉर्मेंस ही नहीं बल्कि संगीत भी लाजवाब था. आशा भोसले और सुरेश वाडेकर की आवाज में गाया गया गाना ‘तुमसे मिलकर.. ऐसा लगा तुमसे मिलकर’ गाने को लोग आज भी गुनगुनाते हैं. विधु विनोद चोपड़ा (Vidhu Vinod Chopra) के निर्देशन में बनी इस फिल्म को 37वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में 2 अवॉर्ड मिले थे. 3 नवंबर 1989 में रिलीज हुई फिल्म ‘परिंदा’ में यूं तो माधुरी दीक्षित (Madhuri dixit), अनिल कपूर (Anil Kapoor) और जैकी श्रॉफ (Jackie Shroff) जैसे सितारे थे लेकिन नाना पाटेकर (Nana Patekar) को सर्वश्रेष्ठ को-एक्टर का अवॉर्ड मिला था. इतना ही नहीं इस फिल्म की बेस्ट एडिटिंग के लिए रेनू सलूजा को अवॉर्ड मिला था. फिल्मफेयर में 5 अवॉर्ड अपने नाम किए. ऐसी जबरदस्त फिल्म की मेकिंग ही नहीं बल्कि सितारों के लिए यादगार फिल्म है.
नाना पाटेकर की डायलॉग डिलेवरी का अनोखा अंदाज भला किसे याद नहीं होगा. परिंदा में नाना की कमाल की एक्टिंग का ही कमाल था कि उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था. नाना के डायलॉग पर कई मीम्स अक्सर सुने जाते हैं. ‘परिंदा’ क्राइम ड्रामा पर आधारित ऐसी फिल्म है जिसे हिंदी सिनेमा में यथार्थवाद की शुरुआत करने वाला माना जाता है. इस फिल्म को टैग लाइन दिया गया था ‘The Most Powerful Film Ever Made’.