धर्मशाला की अंजलि ने पीर-पंजाल की दियो टिब्बा चोटी पर फहराया तिरंगा

धर्मशाला के गमरू की अंजलि शर्मा पीर-पंजाल की सबसे मुश्किल चोटियों में से एक दियो टिब्बा चोटी को अल्पाइन स्टाइल में फतेह कर तिरंगा लहराया है। छोटी आयु में ही टैक्रीकल चोटी दियो टिब्बा में चढ़ाई करने वाली पहली महिला बन गई है। इस चोटी की ऊंचाई 6001 मीटर है। अब अंजलि ने जम्मू-कश्मीर से पीर-पंजाल पर्वत शृंखला में ही स्थित नून या कून 7000 मीटर चोटी को फतह करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि इसके लिए अब अजंलि शर्मा को स्पॉन्सर की दरकार है। इससे पहले अजंलि शर्मा ने गद्दी समुदाय का पारंपरिक पहनावा नुआचड़ी पहनकर लेह-लद्दाख की अति मुश्किल चोटी यूनम पिक को फतह कर फस्र्ट कलिबंर गद्दियों को ही समर्पित किया था। गौरतलब है कि अभी तक अंजलि को एक दर्जन से अधिक मुश्किल चोटियों की चढ़ाई करने के बावजूद कोई भी मान-सम्मान सरकार व गद्दी समुदाय से नहीं मिल पाया है। अंजलि को हर पहाड़ी चोटी चढऩे से पहले खुद ही बजट इकट्ठा करना पड़ता है।

गमरू की अंजलि ने गर्ल्ज स्कूल धर्मशाला में अपनी शुरूआती पढ़ाई की है। इसके बाद इग्नू से ग्रैजुएशन और अब पीजी की पढ़ाई भी जारी रखी है। अंजलि शर्मा ने अटल बिहारी पर्वतारोहण संस्थान मनाली से वर्ष 2010-11 में ही बेसिक और एडवांस कोर्स पूरा कर लिया था। इसके बाद लगातार विभिन्न प्रकार के कोर्स करते हुए सरकारी संस्थानों में छात्रों को गाइड कोर्स करने में प्रशिक्षण भी दिया। अंजलि ने वर्ष 2017 में धौलाधार की सबसे ऊंची चोटी हनुमान टिब्बा की चढ़ाई चढ़ी। इसके बाद वर्ष 2018 में बतौर लीडर पीर-पंजाल की ऊंची चोटी फ्रैंडशिप पीक की चढ़ाई की। अंजलि शर्मा का कहना है कि गद्दी समुदाय हिमाचल ही नहीं, विश्व की सबसे प्राचीन जनजाति में से एक है। गद्दी समुदाय पहाड़ी क्षेत्रों में ही भ्रमण करते हुए अपना जीवन-यापन करते रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य जम्मू-कश्मीर में नून या कून और माऊंट एवरैस्ट चोटी फतह करने का है।