अंकित गुप्ता का ‘बिग बॉस 16’ का सफर खत्म हो चुका है। ‘वीकेंड का वार’ एपिसोड में अंकित को दर्शकों के वोट की बजाय शो में मौजूद बाकी कंटेस्टेंट्स के वोट के आधार पर घर से बेघर कर दिया गया। नवभारत टाइम्स से खास बातचीत में अंकित ने इसे एक सोची-समझी साजिश बताया है।
अंकित गुप्ता ‘बिग बॉस-16’ में पिछले कई दिनों से घरवालों के निशाने पर थे। शांत और सरल स्वभाव के अंकित गुप्ता को आखिरकार शो यानी बिग बॉस के घर से बेदखल कर दिया गया। उनका एलिमिनेशन जनता के वोट की बजाय शो में मौजूद कंटेस्टेंट्स के वोट्स के आधार पर किया गया। अंकित के शो से इविक्श पर जहां उनके फैंस सवाल उठा रहे हैं, वहीं अंकित भी यह मानते हैं कि ये पूरी साजिश उन्हें और प्रियंका चाहर चौधरी को निशाना बनाकर रची गई थी। ‘नवभारत टाइम्स’ से खास बातचीत में अंकित ने कहा, ‘ऐसा इसलिए हुआ है कि मेरी दोस्त के अलावा कॉम्पिटिशन जीतने का कोई असली हकदार नहीं है।’ अंकित कहते हैं कि उन्हें बिग बॉस के घर से बाहर आने के बाद पता चला कि वह शो के कितने मजबूत कंटेस्टेंट थे। वह सोशल मीडिया पर खुद को मिल रहे प्यार से बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि अगर जनता के हाथ में फैसला होता तो वो अब भी ‘बिग बॉस’ के घर में ही रहते।
अंकित ने बताया कि बिग बॉस के घर से बाहर निकलने के बाद सबसे पहले उन्होंने इत्मीनान से नींद ली। वह कहते हैं, ‘बाहर आकर अब ज्यादा लोग दिख रहे हैं। वैसे भी मुझे ज्यादा लोगों से मिलना पसंद नहीं है। उस लिहाज से कहूं तो बिग बॉस का घर मेरे लिए ज्यादा बेहतर था। हालांकि, घर से बाहर आकर मैं कॉफी पी पा रहा हूं, जो मुझे बिग बॉस के घर में बहुत कम मिल पाती थी। बिग बॉस के घर से निकलकर मैं काफी दिनों बाद बिना जल्दी उठने की टेंशन लेकर इत्मीनान से सोया हूं।’
‘मुझे पहले से पता था कि मैं ही निशाना बनूंगा’
अपने एलिमिनेशन पर अंकित ने कहा, ‘मुझसे सारे घरवाले डर गए थे। सभी को एकसाथ मिलकर पूरी पल्टन बनानी पड़ी, ताकि मुझे और प्रियंका को निशाना बना सकें। इसके बाद घरवालों के हाथ में घर से किसी को बेदखल करने का मौका आ गया। ऐसे में ये तो पहले से तय था कि वो मुझे ही बाहर करेंगे। मुझे लगता है कि अगर यह ऑडियंस के हाथ में होता तो वो मुझे बिग बॉस के घर से बाहर ही ना निकलने देते। आज मेरी जगह पर जरूर कोई दूसरा कंटेस्टेंट आपको इंटरव्यू दे रहा होता। इसका मुझे तीन-चार हफ्तों के बाद ही अंदाजा होने लगा था, जब यह मंडली बनी थी। ऐसे में मंडली बनने के बाद मुझे और प्रियंका को लगातार निशाना बनाया जा रहा था। घर में मेरे सबसे बड़े प्रतिद्वंदी के तौर पर शिव, निम्रत, अर्चना और सौंदर्या थे।’
‘जनता का प्यार देख लगा मैं बहुत मजबूत प्रतिभागी था’
अंकित गुप्ता आगे कहते हैं, ‘बाहर निकलने के बाद जनता का प्यार देखकर मैं गदगद हूं। मैं इसके लिए बहुत आभारी हूं कि लोगों को मेरा व्यक्तित्व इतना पसंद आया। मैं इतने बड़े समर्थन और प्यार के लिए सबका धन्यवाद करना चाहूंगा। मेरे लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ मैं बिग बॉस में 12 हफ्ते तक डटा रहा, ये भी मेरे लिए किसी बड़ी एचीवमेंट से कम नहीं। अगर सबकुछ ऑडियंस के हाथ में होता तो जिस तरह से सोशल मीडिया पर मेरे लिए कैंपेन चले हैं और लोगों का प्यार मिल रहा है, उस तरह से मैं फाइनलिस्ट में से एक होता। मुझे अंदर समझ में नहीं आ रहा था कि मैं किस पोजिशन पर हूं, लेकिन जब बाहर आया तो पता चला कि मैं बिग बॉस के घर में एक बहुत मजबूत प्रतिभागी था। अगर फाइनल तक जाता तो मेरे साथ प्रियंका, अर्चना और साजिद सर फिनाले में होते।’
‘घर के सदस्यों को मेरे नेचर से नहीं थी कोई समस्या’
अपने कम बोलने के स्वभाव के बारे में अंकित कहते हैं, ‘मेरा कम बोलना और लोगों से कम घुलना-मिलना अगर नुकसानदेह होता तो शायद बिग बॉस में मैं 12 हफ्ते ना टिक पाता और जनता का इतना प्यार भी ना मिलता। असल में घर के बाकी लोग मुझसे नाराज इसलिए रहते थे क्योंकि मैं प्रियंका का समर्थन करता था। वैसे, सच बताऊं तो मेरे नेचर को लेकर कोई मुझसे नाराज नहीं है। असल में, जब मैं बिग बॉस के घर से बाहर आ रहा था तो सब मुझसे अच्छे से मिले और कहा कि शो के बाद हम सब फिर से मिलेंगे। शिव ने भी मुझसे कहा था कि मुझे तेरे नेचर से कोई प्रॉब्लम नहीं थी। इस वजह से ये नहीं लगता कि मेरे चुप रहने से किसी को कोई समस्या थी। जो मैं थोड़ा बहुत बोला, उससे लोगों को दिक्कत हुई। दरअसल, यह पूरा एक गेम है, जिसमें ढेर सारी राजनीति है। इसमें मुझे और प्रियंका को टारगेट करते हुए ही निकाला गया है।’
‘प्रियंका है बिग बॉस 16 जीतने की हकदार’
अंकित ने बातचीत के आखिर में अपनी दोस्त प्रियंका चाहर चौधरी को शो का सबसे मजबूत कंटेस्टेंट बताया है। वह कहते हैं, ‘प्रियंका बहुत ही मजबूत कंटेस्टेंट हैं। कही ना कहीं घर के लोगों में डर है कि प्रियंका ही शो की विनर हैं। ऐसे में जब इंसान डर जाता है तो बहुत सारी ऐसी चीजें कर देता है। प्रियंका के सामने शर्त रखी गई थी कि अगर वह बजर दबाती है तो जो खोया हुआ प्राइज मनी है, उसमें से 25 लाख वापस आ जाएंगे और मैं तभी का तभी घर छोड़कर चला जाऊंगा। इसमें प्रियंका ने बजर नहीं दबाया और उसने प्राइज मनी नहीं चुनी। ये मेरे लिए बड़ी बात है। इसमें प्रियंका का साफ सीधा लॉजिक था कि जो प्राइज मनी के 50 लाख रुपये हैं, वो दूसरों की गलती से गए हैं। ऐसे में मैं क्यों अपने दोस्त की बली चढ़ाकर उन पैसों को वापस लाऊं।’