हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे और सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र का सात बार प्रतिनिधित्व कर चुके रंगीला राम राव ने इस बार खुले तौर पर टिकट पर अपनी दावेदारी जताई है. रंगीला राम राव का कहना है कि वे इस बार सरकाघाट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे और यह उनका आखिरी चुनाव होगा. मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान राव ने कहा कि 2017 में साजिश के तहत उनका टिकट कटा था और जिन्होंने साजिश की थी, वो बेनकाव हो गए हैं. राव का मानना है कि वे सरकाघाट से कांग्रेस पार्टी के सबसे जीताऊ उम्मीदवार हैं और कम से कम 15 हजार मतों से जीत हासिल करेंगे.
बता दें कि रंगीला राम राव 2007 और 2012 के चुनावों में दो बार हारे और उसके बाद 2017 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. रंगीला राम स्व. वीरभद्र सिंह के खासमखास समर्थकों में शामिल हैं और संगठन की बागडोर इसी गुट के पास जाने के बाद से रंगीला राम राव अब पूरी तरह से एक्टिव नजर आ रहे हैं. संगठन में उन्हें प्रदेश का वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. रंगीला राम राव का कहना है कि चुनाव हारने के बाद भी वे सरकाघाट क्षेत्र की जनता के साथ लगातार संपर्क में रहे है.
कौन है दावेदार
बता दें कि रंगीला राम राव पहले सरकाघाट की गोपालपुर सीट से चुनाव लड़ते थे. लेकिन बाद में डिलिमिटेशन में यह सीट सरकाघाट के नाम पर जानी गई और अब सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र है. यहां से भाजपा के कर्नल इंद्र सिंह विधायक हैं. वहीं, कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से पवन ठाकुर को टिकट दिया था. फिलहाल, सरकाघाट से कांग्रेस के यदोपति ठाकुर भी टिकट के लिए दावेदारी जता रहे हैं.