हो गया कन्फर्म: दिग्विजय सिंह नहीं लड़ेंगे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव
जबलपुर: कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए रणभेरी बजते ही दावेदारी को लेकर सस्पेंस से पर्दा हटते जा रहा है. राहुल गांधी के बाद अब दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस से बाहर हो गए हैं. खुद दिग्विजय सिंह ने साफ किया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. हालांकि, उन्होंने एक गुंजाइश छोड़ दी है. कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए अपने नामांकन की अटकलों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह पार्टी प्रमुख की दौड़ में नहीं थे. दिग्विजय सिंह के इस ऐलान के बाद अब अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत और शशि थरूर के बीच टक्कर की संभावना है.
जबलपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह कांग्रेस प्रेसीडेंशियल इलेक्शन (कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव) नहीं लड़ेंगे, मगर पार्टी में उच्च अधिकारियों द्वारा जो भी निर्देश दिया जाएगा, उसका पालन करेंगे. बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐलान कर दिया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कन्फर्म कर दिया है कि राहुल गांधी या फिर गांधी परिवार को कोई भी सदस्य पार्टी का अगला चीफ नहीं बनेगा. बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है.
इस तरह कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में अशोक गहलोत न केवल आगे चल रहे हैं, बल्कि गांधी परिवार की पहली पसंद भी माने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि अशोक गहलोत और शशि थरूर के बीच ही इस पद के लिए मुकाबला होगा. अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो इसके साथ ही राजस्थान कैबिनेट में भी फेरबदल की उम्मीद है क्योंकि पार्टी की कमान संभालने के बाद गहलोत को अपने सीएम पद से इस्तीफा देना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल गांधी ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले शख्स को ‘एक आदमी और एक पद’ सिद्धांत का पालन करना होगा. माना जा रहा है कि राजस्थान में गहलोत के बाद सचिन पायलट सीएम पद के उम्मीदवार हो सकते हैं.
कब है चुनाव
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, अधिसूचना जारी होने के बाद अब नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे. बता दें कि 22 साल बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी का प्रमुख चुनाव के जरिये चुना जाएगा. वर्ष 2000 में सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें प्रसाद को करारी शिकस्त मिली थी. इससे पहले, 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था जिसमें केसरी जीते थे.