केरल के पालक्कड़ जिले में कांजीकोड के पास बीते शुक्रवार को ट्रेन की चपेट में आने से एक जंगली हाथी की मौत हो गई. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह हादसा उस समय हुआ जब एक हाथी देर रात करीब तीन बजे रेल की पटरियों को पार करने की कोशिश कर रहा था. हाथी वालयार जंगल से भटक कर कांजीकोड आया था. इसी दौरान गुवाहाटी जाने वाली एक ट्रेन वहां से गुजरी और हाथी की मौत हो गई.
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न्यूज एंजेसी भाषा से बात करते हुए वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ”हमें संदेह है कि हाथी के बच्चे को उसकी सूंड पर कुछ चोटें आई हैं. घटना के बाद, वह झुंड के साथ जंगल चला गया.’
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यह पहला मौका नहीं है, जब ट्रेन की चपेट में आने से किसी हाथी की जान गई है. रेलवे मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2019 से लेकर फरवरी 2022 तक कुल 236 जनवर ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. जिनमें 40 हाथी भी शामिल हैं. 2021 में 88 जनवरों की मौत हुई है, जिनमें 19 हाथी थे. वहीं वर्ष 2019 में 54 जानवरों की, वर्ष 2020 में भी 54 जानवरों और 2022 में फरवरी तक 40 जानवर ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं.
रेलवे और प्रशासन ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने की बात करता रहा हैं. मगर, स्थिति बदल नहीं रही है. ऐसे में सवाल तो उठता ही है कि हाथी इस तरह से कब तक मरते रहेंगे. ये सिलसिला कब रुकेगा?