हमारे सौर मंडल (Solar System) में 8 ग्रह हैं. सभी ग्रह गोलाकार हैं और अगर हमें कोई सौर मंडल बनाने को कहे तो बड़े से सूरज के साथ 8 छोटे-बड़े गोलाकार ग्रह ही ड्रॉ करते हैं. सभी ग्रहों में से एक ग्रह ऐसा है जिसके चारों तरफ़ बड़े रिंग्स है, वो ग्रह है शनि (Saturn). शनि ग्रह के 82 प्राकृतिक उपग्रह हैं और उसका सबसे प्राकृतिक उपग्रह टाइटन (Titan) पृथ्वी से मिलता-जुलता है.
पृथ्वी से मिलता-जुलता है टाइटन
एक नई स्टडी के अनुसार, शनि के सबसे बड़े प्राकृतिक उपग्रह, टाइटन की सतह पर लैंडस्केप्स की मौजूदगी के सुबूत मिले हैं. विभिन्न मौसमों की वजह से बने ग्लोबल सैंड साइकिल की वजह से टाइटन पर लैंडस्केप्स बने हैं. टाइटन पर नदियां, झील, समंदर भी हैं. ग़ौरतलब है कि इनमें अलग पदार्थ भरे हैं.
टाइटन पर मौजूद है लिक्विड मिथैन
टाइटन की बर्फ़ीली सतह पर लिक्विड मिथैन और नाइट्रोजिन विंड्स से हाइड्रोकार्बन रेत के टीले बने हैं. स्टैन्फ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के भूवैज्ञानिक ने एक नई रिसर्च स्टडी में बताया है कि ये रेत के टीले, मैदानी इलाके आदि कैसे निर्मित हुए.
Geophysical Research Letters जर्नल में ये शोध छपी है. इस स्टडी के अनुसार, इस प्राकृतिक उपग्रह और हमारी पृथ्वी के बीच कई समानताएं हैं. भूवैज्ञानिक और शोधार्थी अब टाइटन पर जीवन की खोज कर रहे हैं.
टाइटन पर कैसे बनते हैं Dunes?
पृथ्वी पर सालों से चल रहे कटाव की वजह से सेडिमेंट रॉक्स और मिनरल्स से सेडिमेंट ग्रेन्स बनते हैं. हवा या पानी से इनकी परतें बनती जाती हैं. प्रेशर, भू-जल और कभी-कभी ऊष्मा से ये पत्थर बन जाते हैं. शोधार्थियों का कहना है कि टाइटन पर ड्यून्स, मैदानी इलाके आदि बनने की भी ऐसी ही प्रक्रिया हो सकती है. टाइटन के सेडिमेंट्स सॉलिड ऑर्गैनिक कम्पाउंड्स से बने होते हैं.