अनुपम खेर ने अपनी फिल्म ‘कार्तिकेय 2’ की सफलता और इन दिनों बॉलीवुड में चल रही बायकॉट की आंधी पर बातचीत की और बताया कि ऐसे में मेकर्स को क्या करना चाहिए
इस वक्त जहां फिल्म इंडस्ट्री में बड़े-बड़े सितारों की फिल्में फ्लॉप हो रही हैं और बॉक्स ऑफिस का हाल देखकर उनकी हालत पस्त है वहीं अनुपम खेर फिलहाल सातवें आसमान पर हैं। अनुपम खेर की हालिया दो लगातार दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कमाल दिखा चुकी हैं। फिलहाल वह ‘कार्तिकेय 2’ की सफलता को इंजॉय कर रहे हैं, जो 13 अगस्त को रिलीज़ हुई थी। नवभारतटाइम्स से हुई बातचीत में अनुपम खेर ने अपनी फिल्म ‘कार्तिकेय 2’ की सफलता और इन दिनों बॉलीवुड में चल रही बायकॉट की आंधी पर बातचीत की और बताया कि ऐसे में मेकर्स को क्या करना चाहिए।
‘लाल सिंह चड्ढा’ और ‘रक्षा बंधन’ पर भारी पड़ी ‘कार्तिकेय 2’
बता दें कि तेलुगू भाषा में बनी Karthikeya 2 की लोगों ने जमकर तारीफ की है और यही वजह है कि हिन्दी में इस फिल्म के शोज़ नॉर्थ इंडियन बेल्ट पर बढ़ा दिए गए हैं। फिल्म अकेले ही केवल हिन्दी भाषा में करीब 18 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है। ‘कार्तिकेय 2’ का भी हाल The Kashmir Files जैसा ही है, जो लोगों की तारीफों के बाद बॉक्स ऑफिस पर धीरे-धीरे अपना कमाल दिखा रही है। इतना ही नहीं इस फिल्म ने आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ और अक्षय कुमार की ‘रक्षा बंधन’ की चमक को भी फीका कर दिया है जो काफी पब्लिसिटी के साथ बड़े स्केल पर रिलीज हुई थी।
‘बायकॉट कल्चर पर रोने’ की जगह सब्जेक्ट पर फोकस करें मेकर्स और एक्टर्स
इस खास बातचीत में Anupam Kher ने अपनी फिल्म ‘कार्तिकेय 2’ के सक्सेस पर बातचीत की है। इस फिल्म में वह अंधे व्यक्ति के किरदार में हैं। बता दें कि इस साल ‘कार्तिकेय 2’ से पहले ‘द कश्मीर फाइल्स’ हिट रही है। बॉलीवुड में करीब 500 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर बायकॉट वाले कल्चर पर भी बातचीत की। काफी लोगों का मानना है कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर इसी वजह से फेल हो रही हैं। अनुपम खेर ने कहा कि ऑडियंस के पास यह अधिकार है कि वह किसी खास कंटेंट को देखने या नहीं देखने का फैसला ले सकें, इसलिए फिल्ममेकर्स या एक्टर्स को ‘बायकॉट कल्चर पर रोने’ की जगह फिल्म के सब्जेक्ट पर अधिक फोकस करना चाहिए।
खेर ने कहा- हमें इसे लेकर रोना नहीं चाहिए, कंटेंट बहुत जरूरी है
खेर ने आगे कहा, ‘फिल्म द कश्मीर फाइल्स का भी बायकॉट हुआ। कई जानेमाने क्रिटिक्स ने कहा कि यह फिल्म नहीं देखनी चाहिए। ऐसा ही कुछ फिल्म एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर के साथ हुआ था। हमें इसे लेकर रोना नहीं चाहिए। कंटेंट बहुत जरूरी है। निखिल सिद्धार्थ (कार्तिकेय 2 एक्टर) को हिन्दी बेल्ट में भी लोग खूब जानते हैं और मैंने देखा है कि लोग सिनेमा हॉल में कार्तिकेय 2 को देखकर सीटियां बजा रहे थे। हम बॉयकॉट कल्चर जैसे नए टर्म को बनाना पसंद करते हैं। मूवी क्रिटिक्स के पास यह ताकत होती है कि वे लोगों को बता सकें कि यह फिल्म उन्हें देखनी चाहिए या फिर नहीं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि ऑडियंस वाकई यह फिल्म नहीं देखेगी। लेकिन ऑडियंस के पास हर किसी को तोड़ने की ताकत होती है।’