Apple Store in Delhi: मुंबई के बाद दिल्ली में भी ऐपल का स्टोर, जानिए किसे होगा फायदा और किसे नुकसान

Apple Store in Delhi: मुंबई के बाद दिल्ली में भी ऐपल का स्टोर खुलने जा रहा है। देश में आईफोन की कुल बिक्री में इन दोनों शहरों की हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी है। ऐपल के दुनिया के 20 से अधिक देशों में स्टोर हैं। भारत में पहले से कंपनी अपने प्रॉडक्ट्स बेच रही है। फिर स्टोर खुलने से क्या बदलने जा रहा है…

नई दिल्ली: आईफोन (iPhone) बनाने वाली दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी ऐपल (Apple) मुंबई के बाद अब दिल्ली में भी अपना स्टोर खोलने जा रही है। देश में पहले से ही आईफोन और ऐपल के दूसरे प्रॉडक्ट्स की बिक्री हो रही है। लेकिन ऐपल के स्टोर्स को लेकर देश में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। सवाल उठता है कि आखिर ऐपल के स्टोर खुलने से क्या फायदा होने वाला है? इसकी वजह यह है कि ऐपल ने दुनिया में रिटेल बिजनस को जिस तरह बदला है, उसकी मिसाल कम ही देखने को मिलती है। कंपनी ने अपना पहले रिटेल स्टोर 2001 में कैलिफोर्निया और वर्जीनिया में खोले थे। दूसरे रिटेलर्स पर निर्भरता कम करने और अपने प्रॉडक्ट्स को बेहतर ढंग से शोकेस करने के लिए कंपनी ने खुद ही अपने स्टोर खोलने का फैसला किया था। अब तो यह एक तरह से स्टेटस सिंबल बन गया है। केवल अमेरिका में ऐपल के 272 स्टोर हैं।

आज ऐपल के स्टोर दुनिया के 20 से भी अधिक देशों में है। अमेरिका के बाद इसके सबसे ज्यादा 45 स्टोर चीन में हैं। ब्रिटेन में 39, कनाडा में 28, ऑस्ट्रेलिया में 22, फ्रांस में 20, इटली में 17 और जर्मनी में 16 स्टोर हैं। ऐपल मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़ी कंपनी है। ऐपल के स्टोर की सबसे बड़ी खासियत इसका डिजाइन है। ऐपल का अपने स्टोर्स में प्रॉडक्ट्स को डिस्प्ले करने का अपना अलग ही तरीका है। साथ ही इसमें यूजर्स को एक अलग ही अनुभव मिलता है। अमेरिका और यूरोप में नए प्रॉडक्ट के लॉन्च के दौरान ऐपल के स्टोर्स के बाहर भारी भीड़ देखी जाती है। मुंबई में ऐपल का स्टोर काली पीली टैक्सी से प्रेरित है।

क्या फायदा मिलेगा

ऐपल स्टोर्स के सभी कर्मचारियों के पास मोबाइल पीओएस होता है। इससे प्रॉडक्ट्स को बेचने में आसानी होती है। यानी आपको बिल काउंटर पर खड़े रहने की जरूरत नहीं है। आप जिस काउंटर पर प्रॉडक्ट चेक कर रहे हैं, वहीं पर पेमेंट कर सकते हैं। ऐपल स्टोर से प्रॉडक्ट्स खरीदने के सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको वहां एक्सक्लूसिव डील और ऑफर मिलता है। उदाहरण के लिए अगर आप स्टूडेंट हैं आपको बैक टू यूनिवर्सिटी ऑफर का फायदा मिल सकता है। अमेरिका में कंपनी इसके तहत 150 डॉलर का गिफ्ट कार्ड देती है। इतना ही नहीं अगर आप ऐपल के स्टोर से कोई प्रॉडक्ट खरीदते हैं तो आप अपने हिसाब से इसे पर्सनल टच दे सकते हैं।

अब तक कंपनी एक्सक्लूसिव ऐपल प्रीमियम पार्टनर स्टोर्स, बड़े रिटेलर्स और ट्रेड एंड ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए अपने प्रॉडक्ट्स बेचती थी। कंपनी का कहना है कि नए रिटेल लोकेशंस से उसके बिजनस का भारत में विस्तार होगा। इस स्टोर्स से भारत में कंपनी के ग्राहक नए प्रॉडक्ट्स को एक्सप्लोर कर सकेंगे। माना जा रहा है कि अपने स्टोर्स ने कंपनी ग्राहकों के लिए एक्सपीरिएंस सेंटर भी बनाएगी। इससे रिटेलर्स को कुछ नुकसान होगा। रिटेलर्स को आशंका है कि मुंबई और दिल्ली में एपल का स्टोर खुलने से उनके ग्राहकों की संख्या में 50 से 60 फीसदी तक गिरावट आ सकती है।

किसे होगा नुकसान

भारत में आईफोन की कुल सालाना बिक्री में इन मुंबई और दिल्ली की हिस्सेदारी 20 फीसदी है। कुछ का कहना है कि ऐपल पहले अपने स्टोर्स के लिए स्टॉक रिलीज करेगी। इससे बाकी रिटेलर्स को नुकसान हो सकता है। हालांकि कंपनी के सूत्रों ने इस आशंका को खारिज किया है। उनका कहना है कि ऐपल के रिटेल स्टोर खोलने से पूरे रिटेल ईकोसिस्टम को फायदा होगा। ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी नवनीत पाठक ने कहा कि कंपनी नए लॉन्च के दौरान दिल्ली और मुंबई में इसी तरह का हाइप क्रिएट करना चाहेगी। ऐपल के मौजूदा ग्राहक नया प्रॉडक्ट खरीदने से पहले इन स्टोर्स में जाना चाहेंगे। हालांकि कुछ लोग इसे ज्यादा तरजीह नहीं देते। उनका कहना है कि एपल के 80 फीसदी नए ग्राहक छोटे शहरों से आते हैं। ऐसे में ऐपल के दो स्टोर्स ने ज्यादा फर्क पड़ने वाला नहीं है।