क्या आपस में जुड़े हैं अमरावती और उदयपुर मर्डर केस? आरोपियों से आमने-सामने हो सकती है पूछताछ

अजमेर. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) आज अमरावती में उमेश कोल्हे हत्याकांड के आरोपियों का उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों से आमना सामना करा सकती है. दरअसल जांच एजेंसी को शक है दोनों हत्याकांड के तार आपस में जुड़े हैं. कहा जा रहा है कि किसी एक शख्स के फोन कॉल के बाद ये दोनों मर्डर किए गए. अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की 21 जून को उस वक्त चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वो अपनी दुकान बंद करने के बाद रात में घर लौट रहे थे. जबकि उदयपुर में दुकान में घुस कर कन्हैयालाल को मार दिया गया था. इन दोनों ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की टिप्पणी का समर्थन किया था.

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक अमरावती हत्याकांड के आरोपी इरफान शेख,अब्दुल तौफीक, और आतिब राशिद को ये कॉल बाहर से आए थे. एनआईए तीनों को लेकर जयपुर पहुंची है. आज यानी रविवार को अजमेर जेल में इन सबको आमने सामने बैठाकर एनआईए पूछताछ कर सकती है. कहा जा रहा है कि उदयपुर हत्याकांड के आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद को भी ऐसे ही इंटरनेशनल कॉल आए थे.. एनआईए ये जांच कर रही है कि क्या उदयपुर और अमरावती हत्याकांड के आरोपियों को फोन करने वाला एक ही है क्या? साथ ही क्या उदयपुर और अमरावती हत्याकांड में कोई लिंक है?

मोहम्मद मोहसिन पर उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है.

गहरी साज़िश का शक!
पिछले दिनों एनआईए ने अदालत को बताया था कि ये दर्शाने के लिए आधार है कि आरोपी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे. अभियोजन ने कहा कि आरोपियों की कोल्हे से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी लेकिन उनका इरादा लोगों को आतंकित करना था. एनआईए ने कहा कि ऐसा ही अपराध कहीं और भी हुआ है. एजेंसी शर्मा का समर्थन करने पर उदयपुर में एक दर्ज़ी की हत्या का हवाला दे रही थी. उसने अदालत को बताया कि यह एक गहरी साज़िश है.

बाहर से आए थे कॉल
NIA के सूत्रों ने दावा किया है कि अमरावती के उमेश कोल्हे हत्याकांड के आरोपियों में से 3 आरोपियों को संदिग्ध इंटरनेशनल कॉल्स आए थे.  कहा जा रहा है कि ये संदिग्ध कॉल्स हत्याकांड के आरोपी इरफान शेख,अब्दुल तौफीक और आतिब राशिद को 25 मई को जर्मनी, ब्रिटेन और पाकिस्तान से आए थे. हालांकि, पूछताछ में आरोपियों ने इन इंटरनेशनल कॉल्स को लेकर कुच भी नहीं कहा है. लेकिन कहा जा रहा है कि आरोपियों के सीडीआर में मिले ये नम्बर एजेंसियों की संदिग्ध सूची में मौजूद हैं.