सिक्किम में सेना का ट्रक खाई में गिरने से 16 जवान शहीद हो गए। जिनमें तीन जवान राजस्थान के थे।सूबेदार गुमान सिंह और मनोज कुछ दिन पहले ही छुट्टी मनाकर ड्यूटी पर लौटे थे। उन्होंने अपने परिवार से जल्दी घर आने का वादा किया था लेकिन वो हमेशा के लिए अलविदा कह गए।
सिक्किम के जेमा में शुक्रवार को आर्मी का ट्रक खाई में गिर गया था। हादसे में सेना के 16 जवान शहीद हो गए। ट्रक में सवार राजस्थान के तीन जवान भी शहीद हो गए। वहीं चार जवान घायल हो गए। हादसे की सूचना से राजस्थान में शोक की लहर है। तीनों शहीद जोधपुर, जैसलमेर और झुंझुनू के रहने वाले थे।
सिक्किम में आर्मी का एक ट्रक एक मोड़ पर फिसलकर खाई में जा गिरा। हादसे में 16 जवान शहीद हो गए। जिनमें राजस्थान के जैसलमेर के जोगा गांव के रहने वाले सूबेदार गुमान सिंह सोलंकी, जोधपुर के सिपाही सूखाराम और झुंझुनूं के लांस नायक मनोज कुमार की जान चली गई।
पांच दिन पहले ही छुट्टी से वापस गए थे सूबेदार गुमान सिंह
जैसलमेर के जोगा गांव के निवासी सूबेदार 45 वर्षीय गुमान सिंह पांच दिन पहले ही जैसलमेर से छुट्टी से वापस ड्यूटी पर गए थे। गुमान सिंह का शव रविवार तक जैसलमेर पहुंच सकता है।
दस महीने में होने वाले थे रिटायर
गुमान सिंह के परिवार में मां, पत्नी रेखा कंवर और पांच बच्चे हैं। जिनमें तीन बेटियां और दो बेटे हैं। गुमान सिंह 27 साल पहले भारतीय सेना में शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि 10 महीने बाद ही वे सेना से रिटायर होने वाले थे। उनके शहीद होने की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर है।
बेटी के मुंह से पापा सुनने से पहले ही कह गए अलविदा
वहीं झुंझुनू जिले के रहने वाले मनोज भी हमेशा के लिए अलविदा कह गए हैं। मनोज की शहादत की सूचना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मनोज झुंझुनू के सिंघाना पंचायत समिति के मांजरी गांव में रहने वाले थे। वे डेढ महीने पहले ही घर आए थे और छुट्टियां बिताकर वापस ड्यूटी पर गए थे। वे 1871 फील्ड रेजीमेंट में लांस नायक पद पर कार्यरत थे। उनका बड़ा भाई प्रमोद कुमार भी बीएसएफ में तैनात है।
मनोज का 2018 में विवाह हुआ था। अब उनकी डेढ़ साल की एक बेटी है। वे इस बार जब घर आए थे, तब फरवरी में वापस आने का वादा कर के गए थे। उन्होंने अपनी पत्नी से कहा था कि ‘मैं उस दिन की इंतजार कर रहा हूं, जब मेरी बेटी मुझे पहली बार पापा बोलेगी… उससे बड़ा दिन क्या होगा…।’