बीआरओ ने सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग को बहाल कर दिया है। हालांकि अभी दोनो छोर ही जुड़े हैं, लेकिन एक दो दिनों के भीतर सेना के वाहन आर-पार हो जाएंगे। पर्यटक वाहनों को अभी आने-जान की अनुमति नहीं होगी। लाहुल-स्पीति प्रशासन जल्द ही हालात का जायजा लेने को बारालाचा दर्रे का दौरा करेगा। दर्रे में व्यवस्था व हालात बेहतर होने के साथ साथ सरचू में पुलिस पोस्ट स्थापित करने के बाद ही पर्यटकों को दारचा से आगे जाने की अनुमति देगा। पिछले साल बीआरओ ने 28 मार्च को मनाली-लेह मार्ग बहाल कर रिकार्ड बनाया था। गत वर्ष रिकार्ड को तोड़ते हुए बीआरओ ने 26 मार्च को देर रात सड़क के दोनों छोर जोड़ दिए। अटल टनल रोहतांग के बन जाने से बीआरओ की राहें आसान हुई हैं। इससे पहले रोहतांग दर्रे की बहाली बीआरओ के लिए चुनौती रहता था।
रोहतांग बहाली के बाद ही बारालाचा दर्रे की बहाली होती थी, लेकिन अटल टनल रोहतांग ने बीआरओ की राहें आसान की हैं। मनाली की ओर से बीआरओ की दीपक परियोजना, जबकि लेह की ओर से हिमांक परियोजना सड़क बहाल करती है। बीआरओ लेह मार्ग बहाली के साथ साथ शिंकुला दर्रे की बहाली में भी जुटा हुआ है। दूसरी ओर लाहुल को स्पीति से जोडऩे के लिए बीआरओ ने कुंजम दर्रे की बहाली तेज कर दी है। बीआरओ कमांडर कर्नल शबरिश वाचली ने बताया कि दीपक परियोजना ने मनाली सरचू के बीच सड़क बहाल कर ली है। वहीं, उपायुक्त लाहुल-स्पीति नीरज कुमार ने बताया कि बीआरओ ने मनाली-लेह मार्ग को बहाल करने की बात कही है। एसपी लाहुल-स्पीति के साथ मिलकर मार्ग का निरीक्षण किया जाएगा। पर्यटक अभी जल्द बाजी न करें। हालात सामान्य होने के बाद ही पर्यटकों को लेह मार्ग पर सफर करने की अनुमति दी जाएगी। (एचडीएम)