सेना के असॉल्ट डॉग ज़ूम को 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर वीरता पुस्कार से सम्मानित किया गया. 28 Army Dog Unit के सदस्य ज़ूम को Mention-in-Despatches Gallantry Award दिया जाएगा.
जम्मू-कश्मीर (Jammu lashmir) के अनंतनाग ( Anantnag) में सुरक्षा बल और आतंकियों के बीच अक्टूबर 2022 में मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ के दौरान सेना के असॉल्ट डॉग, ज़ूम (Army Assault Dog Zoom) को दो गोलियां लगी थी. इसके बावजूद वो आतंकवादियों से लड़ता रहा. ज़ूम की वजह से कई सैनिकों की जान बच गई और सेना दो आतंकवादियों का खात्मा करने में सफ़ल रही. आतंकवादियों से लड़ते हुए ज़ूम देश के लिए कुर्बान हो गया.
हालत में हो रहा था सुधार
सेना से मिली जानकारी के अनुसार, ज़ूम का इलाज 54 AFVH (Advance Field Veterinary Hospital) में चल रहा था. 13 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे उसने अंतिम सांस ली. सेना के अनुसार ज़ूम की हालत में सुधार था, लेकिन 13 अक्टूबर को सुबह 11:45 बजे उसकी तबीयत बिगड़ी और वो गिर पड़ा.
सेना ने दी श्रद्धांजली
इंडिया आर्मी के चिनार कॉर्प्स ट्विटर अकाउंट द्वारा ज़ूम को दी श्रद्धांजलि
चिनार कॉर्प्स ने ट्वीट में लिखा, ‘आर्मी असॉल्ट डॉग ज़ूम ने लाइन ऑफ ड्यूटी में अपनी जान दे दी. 9 अक्टूबर 2022 को ऑपरेशन तांगपावा के दौरान उसे गोलियां लगी थी. वो आतंकवादियों के खिलाफ़ बहादुरी से लड़ा और जवानों की जान बचाई. उसकी कुर्बानी को हमेशा याद रखा जाएगा.’
सेना अधिकारियों के अनुसार ज़ूम एक ट्रेन्ड, बहादुर और देश सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहने वाला सिपाही था. ज़ूम को आतंकियों को ढूंढ निकालने और उनका खात्मा करने के लिए ट्रेन किया गया था. ज़ूम ने कई ऑपरेशन्स के दौरान वीरता और शौर्य का प्रदर्शन किया था.
दो गोलियां खाकर भी लड़ता रहा
ऑपरेशन तांगपावा के दौरान आर्मी असॉल्ड डॉग, ज़ूम को उस घर के अंदर भेजा गया जहां आतंकियों के छिपे होने की टिप मिली थी. आतंकवादियों ने ज़ूम को दो गोलियां मारी लेकिन उसने अपना मिशन जारी रखा. ज़ूम की मदद से सेना आतंकवादियों का खात्मा करने में सफ़ल हुई.
लोगों ने दी श्रद्धांजलि