देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विश्वभर में फैले हुए भारत प्रेमियों और भारतीयों को आजादी के अमृत महोत्सव की बधाई दी थी। इस दौरान उन्होंने पंचप्रण लिए थे। गुजरात पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने पांच वादे किए।
देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विश्वभर में फैले हुए भारत प्रेमियों और भारतीयों को आजादी के अमृत महोत्सव की बधाई दी थी। उन्होंने कहा थी कि जब वह 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को देखते हैं और उनके संकल्पों की अनुभूति करते हैं तो आने वाले 25 साल के लिए देश को पंच प्राण पर अपनी शक्ति, अपने संकल्पों और अपने सामर्थ्य को केंद्रित करना है। हमें पंच प्राण को लेकर 2047 तक चलना है। जब आजादी के 100 साल होंगे, आजादी के दीवानों के सारे सपने पूरा करने का जिम्मा उठा करके चलना है।
केजरीवाल के पांच वादे
1- गारंटी देते हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो भ्रष्टाचार मुक्त और भयमुक्त शासन देंगे। हम किसी को नहीं बख्शेंगे। हमारा सीएम, मंत्री या विधायक भी अगर दोषी होगा तो छोड़ा नहीं जाएगा। दूसरी पार्टियों के लोगों को भी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नहीं बख्शेंगे।
2- सरकारी दफ्तर में पैसे के बिना काम नहीं होता है। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद किसी काम के लिए आपको दलाल के पास जाने की जरूरत नहीं है। कोई काम कराना है कि ऐसी व्यवस्था करेंगे कि सरकार से कोई कर्मचारी या अफसर आपके पास आएगा। बिना रिश्वत के आपकी फाइलों का निपटारा होगा।
3- गुजरात में जितने भी नेताओं के या मंत्रियों के काले धंधे चल रहे हैं। सारे काले धंधे बंद किए जाएंगे।
4- पेपर लीक का सिलसिला बंद करेंगे। पिछले 10 साल के दौरान जो भी पेपर लीक के मामले हुए हैं, उसमें सभी को पकड़कर जेल में डालेंगे।
5- जितने भी घोटाले इस सरकार के कार्यकाल में हुए हैं, उनकी जांच कराई जाएगी और जेल भेजा जाएगा। पैसा रिकवर करेंगे। ये पैसा किसका था ये पैसा गुजरात की जनता का था। जितना पैसा लूटा है एक-एक पैसा रिकवर किया जाएगा और उस पैसे से आपके स्कूल, आपका अस्पताल, आपकी बिजली, पानी, सड़कें सारा बनाएंगे।
मोदी के पंचप्रण
1- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला पंचप्रण है विकसित भारत। उन्होंने कहा था कि इससे कुछ कम नहीं होना चाहिए।
2- गुलामी की हर सोच से मुक्ति पाने को पीएम ने दूसरा प्राण बताया था। उन्होंने कहा था कि गुलामी का एक भी अंश अगर अब भी है, तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है। उन्होंने कहा कि इस सोच ने कई विकृतियां पैदा कर रखी है, इसलिए गुलामी की सोच से मुक्ति पानी ही होगी।
3- प्रधानमंत्री ने विरासत पर गर्व करने को तीसरा प्राण बताया था और कहा था कि यही वह विरासत है जिसने भारत को स्वर्णिम काल दिया है।
4- प्रधानमंत्री ने एकता और एकजुटता को चौथा प्राण बताया।
5- मोदी का पांचवा प्रण नागरिकों के कर्तव्य हैं। उन्होंने कहा था कि जब सपने बड़े होते हैं… जब संकल्प बड़े होते हैं तो पुरुषार्थ भी बहुत बड़ा होता है। शक्ति भी बहुत बड़ी मात्रा में जुट जाती है।