यह कहानी है ‘पुष्पा’, ‘आरआरआर’ और ‘केजीएफ’ जैसी फिल्मों से काफी पहले की, जब साउथ सिनेमा के सितारे ‘रोजा’, ‘बॉम्बे’ फेम एक्टर अरविंद स्वामी ने हिन्दी फिल्म प्रेमियों के दिलों को खूब धड़काया था। हालांकि, एक ऐसा भी वक्त था जब उन्हें स्टेज से नीचे तक उतरकने के लिए कहा गया था।
निर्देशक मणिरत्नम ने अरविंद को बनाया सुपरस्टार
अरविंद को सुपरस्टार बनाने वाले निर्देशक थे मणिरत्नम, जिनकी ‘रोजा’, ‘बॉम्बे’ के अलावा ब्लॉकबस्ट फिल्म ‘थलपति’ जैसी कई फिल्मों में नजर आ चुके हैं। इसके अलावा अरविंद मणिरत्नम की ही नेटफ्लिक्स सीरीज ‘नवरस’ (2021) में भी नजर आ चुके हैं जिसमें उनके सेगमेंट का नाम है ‘प्रॉजेक्ट अग्नि’। अरविंद ने तेलुगू, मलयालम, बॉलीवुड, तमिल जैसी अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों में काम किया है।
अमेरिका से की पढ़ाई
स्वामी उस परिवार से हैं जिनके पिता वी.डी. स्वामी बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट माने जाते हैं। वह चेन्नै के शंकर नेत्रालय के फाउंडर भी हैं और मां भरतनाट्यम डांसर रही हैं। मद्रास के लॉयोला कॉलेज से ग्रैजुएशन करने के बाद वह अमेरिका चले गए और Wake Forest University से इंटरनैशनल बिजनेस में मास्टर्स की डिग्री हासिल की।
स्टेज से उतरने के लिए कह दिया गया था उन्हें
बताया जाता है कि वह एक्टर नहीं बल्कि डॉक्टर बनना चाहते थे और मॉडलिंग बस पॉकेट मनी के लिए किया करते थे। लॉयोला थिएटर सोसायटी की तरफ से उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला था और उन्हें स्टेज से उतरने तक को कह दिया गया था।
यहां से मिलनी शुरू हुई फिल्में
इसके बाद मणिरत्नम ने उन्हें एक ऐड में देखा और फिर मीटिंग के लिए बुलाया। मणिरत्नम ने उन्हें अपनी फिल्म Thalapathi (1991) के लिए साइन किया जिसमें उन्होंने जिला कलक्टर की भूमिका निभाई और डॉन के साथ-साथ अपने ही भाई के खिलाफ भी उठ खड़े हुए। फिल्म ब्लॉकबस्ट हुई और फिर डायरेक्टर ने उन्हें धड़ाधड़ अपनी फिल्मों के लिए साइन कर लिया। स्वामी ने ढेर सारे पॉप्युलर और क्रिटिकल अवॉर्ड्स जीते। अरविंद ने डिज़्नी के The Lion King के तमिल डब वर्जन में एडल्ट सिम्बा के लिए भी आवाज दी।
भयानक दुर्घटना की चपेट में आ गए थे अरविंद
इसके बाद वह राजीव मेनन की फिल्म Minsara Kanavu में काजोल और प्रभु देवा के साथ नजर आए, और इस बार भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल दिखा गई। फिर 1997 में आई प्रियदर्शन की ‘सात रंग के सपने’ में जिसे अमिताभ बच्चन ने प्रड्यूस किया था और फिल्म में नजर आई थीं जूही चावला। साल 2000 में मनीषा कोईराला के साथ फिल्म ‘राजा को रानी से प्यार हो गया’ में भी अरविंद छा गए। और फिर साल 2000 के बाद से उनका मन एक्टिंग से हटकर बिजनेस की दुनिया में रमने लगा। वह InterPro Global के प्रेसिडेंट चुने गए Prolease India में चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर आ गए। दुनिया भर में अलग-अलग प्रॉसेस की डिलीवरी को लेकर ऑपरेशंस और टेक्नॉलजी की जिम्मेदारी उनपर थी। इसके बाद उन्होंने साल 2005 में Talent Maximus की भी नींव रखी। साल 2005 में एक भयानक दुर्घटना की चपेट में आ गए अरविंद और उनके स्पाइन में काफी चोट आई। इसके बाद उनके पैरों में हल्की पैरालाइज्ड होने की समस्या आई और कई सालों तक उन्हें दर्द ने परेशान किया। यह चोट इतनी गंभीर थी कि उन्हें पूरी तरह से दुरुस्त होने में करीब 4-5 साल का समय लग गया।
कंगना की फिल्म में आए नजर
उनका इलाज पूरा हुआ और इस बार फिर से मणिरत्नम का उन्हें फोन आया। उन्हें तमिल फिल्म कडाल का ऑफर मिला जिसके लिए उन्होंने अपना 15 किलो वजन घटाया। इसके बाद वह कई फिल्मों में नजर आए। हाल ही में पिछले साल 2021 को वह कंगना रनौत की फिल्म ‘थलाइवी’ का भी हिस्सा बने और उन्होंने एक्टर पॉलिटिशियन एम.जी. रामचंद्रन की भूमिका निभाई। करीब 25 साल के बाद उन्होंने मलयालम फिल्म में साल 2022 में फिल्म ओट्टू से वापसी की है
अरविंद ने रचाई हैं दो शादियां
पर्सनल लाइफ की बात करें तो अरविंद ने जून 1994 में गायत्री राममूर्ति से शादी रचाई थी। उनसे उन्हें एक बेटी अधीरा (1996) और बेटा रुद्र है। साल 2010 में दोनों का तलाक हो गया औऱ बच्चों की कस्टडी पिता को मिली। अरविंद ने साल 2012 में अपर्णा मुखर्जी से शादी रचाई।