मक्के की आवक शुरू होते ही भाव पर बढ़ा दवाब, छिंदवाड़ा में भाव 11 फीसदी टूटा

​​छिंदवाड़ा में मक्के के भाव ₹150 की कमजोरी पर ₹2100 प्रति क्विंटल पर रहे हैं. कारोबारियों का कहना है कि मक्के के भाव में कमजोरी उनके अनुमान के मुताबिक ही है और कुछ समय पहले ही कहा गया था कि मक्के के भाव ₹2100 के निचले स्तर को छू सकते हैं.

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छिंदवाड़ा में मक्के के भाव में कमजोरी आई है.

नई दिल्ली: मक्के की नई फसल की आवक शुरू होते ही छिंदवाड़ा के बेंचमार्क मार्केट में इसके भाव में 11 फ़ीसदी की कमी आ चुकी है. अगर हफ्ते दर हफ्ते के आधार पर बात करें तो मक्के के भाव में 9 फ़ीसदी की कमजोरी आ गई है. मौसम अनुकूल रहने की वजह से इस बार मक्के की खेती में तेजी आई है और नए फसल की आवक बढ़ी है. दिवाली की छुट्टियों के बाद बाजार 27 अक्टूबर को खुल चुके हैं.

छिंदवाड़ा में मक्के के भाव ₹150 की कमजोरी पर ₹2100 प्रति क्विंटल पर रहे हैं. कारोबारियों का कहना है कि मक्के के भाव में कमजोरी उनके अनुमान के मुताबिक ही है और कुछ समय पहले ही कहा गया था कि मक्के के भाव ₹2100 के निचले स्तर को छू सकते हैं. मक्के की कीमत में लगातार कमजोरी आ रही है और आने वाले समय में इसके भाव ₹1900 प्रति क्विंटल के लेवल पर जा सकते हैं.

जब तक मक्के का भाव ₹2240 के लेवल को क्लास नहीं करता तब तक इसके भाव में कमजोरी बने रहने की आशंका है. पोल्ट्री फीड इंडस्ट्री की तरफ से मक्के की डिमांड पिछले कुछ महीने से कमजोर है. ट्रेडर और मिलर नई फसल के आने का इंतजार कर रहे हैं जिससे कि कीमत में कमजोरी आए और वे अपना स्टॉक बढ़ा सकें.

इस समय वे बाजार से उतना ही मक्का खरीद रहे हैं जितना उन्हें जरूरत है. अगर कीमत में कमजोरी आती है तो आने वाले दिनों में ट्रेडर और मिलर मक्के की खरीद बढ़ा सकते हैं. किसानों के लिए पिछले कुछ दिनों से मौसम अनुकूल रहने की वजह से मक्के की कटाई बढ़ी है. अगले 5 दिन तक खेती के लिहाज से मौसम साफ रहने की वजह से बाजार में मक्के की आवक बढ़ने की उम्मीद है.

1 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक मक्की की नई फसल की आवक 297 केएमटी रही है. यह पिछले साल की तुलना में 34 फ़ीसदी कम रही है. मध्यप्रदेश में मक्के की आवक 123kmt, महाराष्ट्र में 27केएमटी, राजस्थान में 29 केएमटी, कर्नाटक में 17 केएमटी और तेलंगाना में 18 केएमटी रही है.

अक्टूबर में बेमौसम की बारिश की वजह से इस बार मक्के की फसल पर असर पड़ा है. उम्मीद की जा रही है कि नवंबर में फसल की आवक बढ़ सकती है. इस वजह से छोटी से मध्यम अवधि में मक्के के भाव पर दबाव पड़ने की आशंका है.