How to get rid of acidy stomach: पेट में एसिड बनना एक आम समस्या है जिससे आपके सीने में जलन, खट्टी डकार, पेट में गैस बनना, पेट का फूलना और सिरदर्द की समस्या हो सकती है। आयुर्वेद डॉक्टर का मानना है कि सुबह-सुबह कैफीन वाली चाय या कॉफ़ी पीना इसका एक सबसे बड़ा कारण हो सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार, एसिडिटी (हाइपरएसिडिटी) और माइग्रेन दोनों मुख्य रूप से पित्त के कारण होते हैं। यह तब होता है जब शरीर या दिमाग में वायु के साथ-साथ पित्त भी बढ़ता है।
अक्सर देखा गया है कि लोग सुबह उठते ही चाय या कॉफी का सेवन करते हैं। यह चीजें कैफीन से भरी होती हैं। आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार का मानना है कि सुबह सबसे पहले कैफीन का सेवन करने से पेट की सूजन वाली आंत में अधिक सूजन आ जाती है। यह आपके आंत के अस्तर को परेशान करता है और पित्त को बढ़ाता है जिससे एसिडिटी / माइग्रेन आदि पित्त की समस्या होती है।
आयुर्वेद में क्या है एसिडिटी और माइग्रेन का इलाज
डॉक्टर दीक्षा ने बताया कि आयुर्वेद का नियम है कि इसमें बीमारी के मूल कारण को समझना और उसे जड़ से खत्म करना। इसलिए एसिडिटी/माइग्रेन को रोकने/उपचार करने का सबसे अच्छा तरीका ऊपर बताए गए कारकों से बचना है।
वात के साथ-साथ पित्त के बढ़ने के कारण
एसिडिटी का इलाज है हर्बल चाय
हर्बल चाय से भी मिल सकती है राहत
डॉक्टर के अनुसार, एसिडिटी और माइग्रेन से राहत के लिए सबसे आसान, तेज़ और सबसे प्रभावी तरीका यह है कि आपको अपने दिन की शुरुआत चाय/कॉफी की जगह ठंडी/शांत करने वाली हर्बल चाय से करनी चाहिए।
हर्बल चाय को कैसे तैयार करें?
बस 1 गिलास पानी लें, इसमें 1 टेबल स्पून धनिया, 1 टीस्पून सौंफ, 5-7 पुदीना और 10 करी पत्ते डालकर मध्यम आंच पर 3-5 मिनट तक उबालें। बस 5 मिनट में आपकी एसिडिटी और माइग्रेन शांत करने वाली चाय तैयार है।
एसिडिटी में कैफीन छोड़ना समझदारी
पित्त की समस्या होने पर कैफीन का सेवन बंद कर देना बेहतर है, लेकिन अगर आप इसे तुरंत नहीं रोक सकते हैं तो आप अपनी चाय/कॉफी में आधा चम्मच देसी घी या 1 चम्मच नारियल का तेल मिला सकते हैं, जिससे आपकी आंत को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।