राहुल गांधी की बात मान गए अशोक गहलोत! कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर CM पद छोड़ने का दिया इशारा

राहुल की बात मान बदले अशोक गहलोत के सुर! अध्यक्ष बनने पर CM पद छोड़ने के दिए संकेत

राहुल की बात मान बदले अशोक गहलोत के सुर! अध्यक्ष बनने पर CM पद छोड़ने के दिए संकेत

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सुर बदलते दिख रहे हैं. गांधी परिवार की पहली पसंद माने जा रहे अशोक गहलोत के अगले अध्यक्ष बनने की प्रबल संभावना है, हालांकि, उन्हें शशि थरूर समेत कई अन्य साथियों से मुकाबला करना होगा. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में उतरने का ऐलान करते हुए अशोक गहलोत ने इशारा कर दिया कि वह अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद छोड़ देंगे. इतना ही नहीं, उन्होंने कन्फर्म भी कर दिया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, गांधी परिवार के उम्मीदवार के रूप में देखे जाने वाले अशोक गहलोत ने जयपुर में अपना सीएम पद छोड़ने के का इशारा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनावी मैदान में उतरने के अपने फैसले की घोषणा की. पहले अशोक गहलोत ने कहा था कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के बाद भी राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहेंगे. मगर राहुल गांधी ने जब ‘एक आदमी और एक पद’ सिद्धांत की वकालत की तो इसके बाद अशोक गहलोत के भी सुर बदल गए. राहुल गांधी ने कहा था कि नए पार्टी प्रमुख को ‘एक आदमी एक पद’ सिद्धांत का पालन करना होगा. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के बीच पार्टी नेता राहुल गांधी ने संकेत दिया कि हो सकता है कि वह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव न लड़ें.

राहुल की बात पर गहलोत ने भरी हामी
‘एक व्यक्ति, एक पद’ अवधारणा के मुद्दे पर राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा था, ‘हमने जो फैसला किया है, जो हमने उदयपुर में तय किया, वो कांग्रेस पार्टी की एक प्रतिबद्धता है. तो मुझे उम्मीद है कि प्रतिबद्धता को बनाए रखा जाएगा.’ इसके तुरंत बाद अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ठीक बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कोई भी अध्यक्ष कभी मुख्यमंत्री नहीं रहा. बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 साल बाद चुनावी मुकाबले की प्रबल संभावना के बीच गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी गई और इसी के साथ चुनावी प्रक्रिया आरंभ हो गई.

कब चुनाव और कब रिजल्ट
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, अधिसूचना जारी होने के बाद अब नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे. अधिसूचना जारी होने से एक दिन पहले बुधवार को, राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत और पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के चुनावी समर में उतरने का स्पष्ट संकेत देने के बाद यह संभावना प्रबल हो गई है कि 22 साल बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी का प्रमुख चुनाव के जरिये चुना जाएगा. वर्ष 2000 में सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें प्रसाद को करारी शिकस्त मिली थी. इससे पहले, 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था जिसमें केसरी जीते थे.

गहलोत बनाम शशि थरूर मुकाबला लगभग तय
इस बीच गुरुवार को अशोक गहलोत कोच्चि पहुंचे और राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए. इससे पहले अशोक गहलोत ने दो टूक कहा था कि वह पार्टी का फैसला मानेंगे, लेकिन उससे पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने के लिए मनाने का एक आखिरी प्रयास करेंगे. माना जा रहा है कि आज यानी शुक्रवार को राहुल गांधी दिल्ली पहुंचेंगे और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. अब जब यह लगभग तय हो गया है कि मुकाबला अशोक गहलोत बनाम शशि थरूर होगा, तो ऐसे में असल सवाल यह है कि आखिर गहलोत की जगह राजस्थान में कौन मुख्यमंत्री बनेगा.

क्या पायलट बनेंगे मुख्यमंत्री?
रिपोर्टर्स से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि देखते हैं राजस्थान में क्या हालात बनते हैं, कांग्रेस नेतृत्व क्या फैसला लेता है, विधायक क्या सोचते हैं. बहरहाल, माना जा रहा है कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस चीफ बनते हैं तो ऐसी स्थिति में गहलोत चाहेंगे कि उनका कोई करीबी मुख्यमंत्री बने, हालांकि सचिन पायलट के करीबी नेताओं का कहना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह जिम्मेदारी पायलट को सौंपी जानी चाहिए.