Asia cup: भारतीय क्रिकेट टीम इस साल के शुरुआत से ही लगातार बदलाव के दौर से गुजर रही है। इस कारण टीम का प्रदर्शन भी प्रभावित हुआ है। इस साल का सबसे पहला बदलाव टीम की कप्तानी में देखने को मिला था जबकि कोच रवि शास्त्री की जगह राहुल द्रविड़ को उत्तराधिकारी बनाया गया था।
नई दिल्ली: रोहित शर्मा की कप्तानी और राहुल द्रविड़ की कोचिंग में टीम इंडिया इस साल के शुरुआत से ही लगातार बदलाव के दौर से गुजर रही है। भारतीय टीम में सबसे पहला बदलाव कप्तानी को लेकर किया गया। टीम में विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा को तीनों फॉर्मेट में कप्तान बनाया गया। कप्तान के साथ टीम को नया कोच भी मिला। राहुल द्रविड़, रवि शास्त्री की जगह टीम के नए उत्तराधिकारी बने। नए कप्तान और कोच के सामने सबसे पहली और बड़ी चुनौती यूएई में जारी एशिया कप के अलावा ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप अपना दमखम दिखाना है, इसके लेकर टीम में लगातार कई तरह के प्रयोग किए गए। टीम की कप्तानी में हुए लगातार बदलाव के साथ कई नए चेहरों ने भी टीम इंडिया के लिए अपना डेब्यू किया।
टीम में हो रहे लगातार बदलाव को लेकर कई तरह के सवाल भी उठे। इन बदलाव के कारण टीम के लिए कुछ खास नया तो नहीं हुआ, लेकिन प्रदर्शन में गिरावट जरूर देखने को मिली। वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण हर दूसरी सीरीज में टीम के सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया जाता रहा है। ऐसे में नए खिलाड़ियों के पास खुद को साबित करने का मौका तो मिला, लेकिन जैसे ही सीनियर खिलाड़ी ब्रेक से वापस टीम में आए तो उन्हें बाहर होना पड़ा। इसके अलावा रही सही कसर इंजरी ने पूरी कर दी। पिछले छह महीने में देखे तो टीम में स्थिरता की बहुत कमी देखी गई है। टीम में लगातार नए चेहरे को मौका मिला है लेकिन उनके सामने अनिश्चितता बनी हुई रही है। ऐसे में स्वाभाविक है कि खिलाड़ियों का लय प्रभावित होता है।
इस साल 7 खिलाड़ियों को मिली कप्तानी
भारतीय टीम इस साल सबसे अधिक प्रयोग कप्तानी को लेकर किया गया। अभी पूरा साल बीता भी नहीं है कि टीम में 7 नए कप्तान बन चुके हैं। लगभग हर दूसरी सीरीज में टीम मैनेजमेंट ने नए कप्तान की नियुक्ति की। यह एक रिकॉर्ड भी है किसी एक कैलेंडर ईयर में भारतीय टीम के लिए सात खिलाड़ियों ने कप्तानी की है। इस मामले में टीम इंडिया ने श्रीलंका की बराबरी की है। श्रीलंका ने भी साल 2017 में एक साल में सात कप्तान बदले थे।
बता दें कि 2021 टी20 वर्ल्ड कप तक विराट कोहली तीनों फॉर्मेट में भारत के कप्तान थे। उन्होंने वर्ल्ड कप के बाद टी20 की कप्तानी छोड़ी और बीसीसीआई ने उन्हें वनडे की कप्तानी से हटाया दिया। उसके बाद से भारतीय क्रिकेट में कप्तान अदला-बदली का खेल चल ही रहा है। रोहित शर्मा को वनडे और टी20 की कमान मिल गई। कोहली टेस्ट के कप्तान थे। रहाणे को हटाकर रोहित को टेस्ट का उपकप्तान बनाया गया। इस बीच रोहित चोटिल हो गए। दक्षिण अफ्रीका दौरे पर कोहली और राहुल ने टीम की कप्तानी थी। फिर कोहली ने टेस्ट की कप्तानी छोड़ दी और रोहित शर्मा को तीनों फॉर्मेट में कमान मिली। रोहित ने वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ कप्तानी की।
राहुल का चोट बना कप्तानी में लगातार बदलाव की वजह
भारतीय टीम के कप्तान में लगातार हुए बदलाव की बड़ी वजहों में एक उपकप्तान केएल राहुल का अनफिट होना था। आईपीएल के बाद दक्षिण अफ्रीका दौरे लिए कप्तान रोहित समेत प्रमुख खिलाड़ियों को आराम दिया गया। राहुल टीम के कप्तान थे, लेकिन सीरीज से ठीक पहले वह चोटिल हो गए। ऐसे में ऋषभ पंत को कप्तान बनाना पड़ा। फिर आयरलैंड में हार्दिक पंड्या को कप्तानी मिली, क्योंकि उस समय प्रमुख खिलाड़ी इंग्लैंड में थे।
एक तरफ टीम इंडिया के खिलाड़ी आयरलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज खेल रहे थे तो दूसरी तरफ टीम का हिस्सा इंग्लैंड दौरे की तैयारी में जुटे थे लेकिन इसी बीच रोहित शर्मा को कोरोना हो गया। केएल राहुल पहले ही टीम से बाहर थे। ऐसे में जसप्रीत बुमराह को कप्तानी मिली। वनडे और टी20 में रोहित वापस लौट आए। फिर बारी वेस्टइंडीज दौरे की थी। यहां भी उपकप्तान केएल राहुल उपलब्ध नहीं थे, ऐसे में शिखर धवन को कप्तान बनाया गया। रोहित समेत प्रमुख खिलाड़ियों को वनडे में आराम दिया गया था। फिर टी20 में रोहित शर्मा वापस लौट आए। आखिरी मैच में रोहित को आराम देकर हार्दिक को कप्तानी मिली। अब जिम्बाब्वे दौरे पर भी धवन कप्तान थे, लेकिन राहुल के फिट होने के बाद उनसे कप्तानी वापस ले ली गई।
टी20 विश्व कप के लिए बेहतर संयोजन की तलाश जारी
एशिया कप से पहले जब भारतीय टीम विदेशी दौरे पर थी तो यह कहा गया कि टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप के सही संयोजन को तलाश रही है। इस कारण टीम में लगातार प्रयोग होते रहे। इसके बाद एशिया कप के लिए टीम का चयन हुआ। इस टीम में ईशान किशन, श्रेयस अय्यर, संजू सैमसन जैसे खिलाड़ियों को बाहर रखा गया जबकि जसप्रीत बुमराह और हर्षल पटेल चोट के कारण उपलब्ध नहीं थे।
वहीं एशिया कप में टीम इंडिया ना तो बल्लेबाजी और ना ही गेंदबाजी में कुछ खास प्रभावित कर पाई है। लीग स्टेज में दो मैचों में जीत दर्ज करने के बाद सुपर-4 राउंड में लगातार दो मैचों में टीम को हार भी मिली।
एशिया कप में युवा तेज गेंदबाज आवेश खान और अर्शदीप सिंह को मौका गिया गया जबकि मोहम्मद शमी जैसे तेज गेंदबाज को टी20 में भारतीय टीम के भविष्य को देखते हुए शामिल नहीं किया गया था। ऐसे में टीम के मौजूदा प्रदर्शन को देखें तो कुछ भी बेहतर होता नहीं दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही टीम मैनेजमेंट के सामने टी20 विश्व कप के लिए टीम के चयन को लेकर चुनौती और बढ़ गई है।