Assam: सांसद बदरुद्दीन की विवादित टिप्पणी पर कांग्रेस ने दर्ज कराई शिकायत, कहा- जानबूझकर दिया घृणित बयान

असम कांग्रेस नेता सैकिया कहा कि बदरुद्दीन की टिप्पणी ने धर्मों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया और अगर अजमल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो स्थिति और खराब हो सकती है।

AIUDF President & MP, Badruddin Ajmal

ऑल यूनियन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल की हिंदुओं पर की गई विवादित टिप्पणी पर हंगामा रुक नहीं रहा है। अब असम कांग्रेस के नेता देवव्रत सैकिया ने शिवसागर जिले के सिमलुगुरी पुलिस स्टेशन में अजमल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

जानबूझकर की गई टिप्पणी
असम विधानसभा में विपक्ष के नेता सैकिया ने कहा कि अजमल की टिप्पणियों ने हिंदू आबादी, विशेष रूप से भारत की हिंदू महिलाओं के प्रति जानबूझकर वैमनस्य, घृणा और दुर्भावना की भावना पैदा की है। सैकिया ने दावा किया कि बदरुद्दीन की टिप्पणी ने धर्मों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया और अगर अजमल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो स्थिति और खराब हो सकती है।
अन्य पार्टियां पहले ही दर्ज करा चुकी हैं शिकायत
असम जातीय परिषद (एजेपी) पहले ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में धुबरी के सांसद बदरुद्दीन के खिलाफ शिकायत दर्ज करा चुकी है, जबकि तृणमूल कांग्रेस की युवा शाखा ने भी शनिवार को इस मामले में पुलिस के समक्ष एक लिखित बयान दिया था। वहीं भाजपा ने भी इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है।

इस विवादित बयान से मचा बवाल
शुक्रवार को अजमल ने हिंदुओं पर विवादित बयान देते हुए कहा था, हिंदुओं को बच्चों के मामले में मुसलमानों का फॉर्मूला अपनाना चाहिए और बच्चों की कम उम्र में ही शादी कर देनी चाहिए। मुस्लिम युवक 20 से 22 साल की उम्र में शादी करते हैं और मुस्लिम महिलाएं 18 वर्ष की उम्र में शादी करती हैं, जो संवैधानिक है। उन्होंने कहा, वे (हिंदू) शादी से पहले एक, दो या तीन अवैध पत्नियां रखते हैं। वे यहां नहीं रूके, अजमल ने कहा, वे बच्चों को जन्म नहीं देते, खुद का आनंद लेते हैं और पैसा बचाते हैं।

बदरुद्दीन ने मांगी ली माफी
ऑल यूनियन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अध्यक्ष और सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने विवाद बढ़ने के बाद अंतत: शनिवार देर रात अपने बयान के लिए माफी मांग ली है। उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि मैं शर्मिंदा हूं, मैं लज्जित हूं। मुझ जैसे सीनियर नेता के मुंह से ऐसा नहीं निकलना चाहिए था। मेरे कहने से अगर किसी को दुख पहुंचा हो तो मैं क्षमा चाहता हूं। मेरी मंशा किसी को कष्ट पहुंचाने की नहीं थी। अब इसे यहीं खत्म करके हमें आगे बढ़ना चाहिए।